पूर्वांचल को मिली बड़ी सौगात, कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की जानें क्या है खासियत

उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज्यादा हवाई सेवाओं वाला राज्य बनने जा रहा है। लखनऊ और वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के बाद अब कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की भी शुरुआत हो गई है। अब श्रीलंका, चीन, थाईलैंड, सिंगापुर, जापान जैसे देशों से कुशीनगर आना आसान होगा।

कुशीनगर क्यों है महत्वपूर्ण

दरअसल, कुशीनगर एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध तीर्थ स्थल है जहां भगवान गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। ऐसे में देश-विदेश से यहां पर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहेगा। बुधवार को उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत, विश्व भर के बौद्ध समाज की श्रद्धा और आस्था का केंद्र है। आज कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की ये सुविधा उनकी श्रद्धा को अर्पित पुष्पांजलि है। भगवान बुद्ध के ज्ञान से लेकर महापरिनिर्वाण तक की संपूर्ण यात्रा का साक्षी ये क्षेत्र आज सीधे दुनिया से जुड़ गया है। इस अवसर पर पाएम मोदी ने कहा कि यह हवाई अड्डा केवल एयर कनेक्टिविटी का माध्यम ही नहीं बनेगा, बल्कि किसान, श्रमिक, युवाओं और व्यवसायियों के लिए नए अवसर के द्वार खोलेगा। उन्होंने कहा कि नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कनेक्टिविटी, पर्यटन को बढ़ावा देगा और इस क्षेत्र में एक संपूर्ण आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में मदद करेगा ।

कुशीनगर एयरपोर्ट की खासियत

कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पूर्वांचल का दूसरा, यूपी का तीसरा और देश का 87वां लाइसेंसी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। इस एयरपोर्ट के निर्माण में 260 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत है। यह प्रदेश का सबसे लंबा रनवे वाला (3.2 किमी लंबा व 45 मीटर चौड़ा) एयरपोर्ट है। एप्रन पर चार बड़े हवाई जहाज खड़े हो सकते हैं। एयरपोर्ट पर दिन ही नहीं रात में भी उड़ान संभव बनाने की कोशिश हो रही है। इसके अलावा घने कोहरे, बारिश व अंधेरे के बीच भी विमान उतर सके इसके लिए इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं। एयरपोर्ट पर यह सिस्टम लग जाने के बाद 550 मीटर दृश्यता में भी विमान लैंड कर सकेंगे।

वहीं केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जानकारी देते हुए बताया कि 26 नवंबर से दिल्ली और कुशीनगर के बीच सीधी उड़ान सेवा शुरू होगी। इसके बाद कुशीनगर को मुंबई और कोलकाता से भी जोड़ा जाएगा। इसके बाद 18 दिसंबर को कुशीनगर को मुंबई से भी जोड़ा जाएगा। इसके बाद कुशीनगर को कोलकाता से भी जोड़ने वाली विमान सेवा शुरु की जाएगी। इससे स्थानीय यात्रियों और भक्तों को मदद मिलेगी।

यूपी के इन जिलों में विमान सेवा

उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, कानपुर, प्रयागराज, बरेली और हिंडन एयरपोर्ट से हवाई सेवाएं संचालित हो रही हैं। जबकि तीन शहरों में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट (अमौसी हवाई अड्डा) और लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा वाराणसी (बाबतपुर एयरपोर्ट) और कुशीनगर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन किया जा रहा है। विकास को गति देने के लिये बीते कुछ सालों में सरकार ने हवाई कनेक्टिविटी पर खास फोकस किया है। कुशीनगर के बाद नोएडा और अयोध्या में भी अत्याधुनिक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा और यहां से इंटरनेशनल फ्लाइट ऑपरेशन होगा।

आम जन को सस्ती हवाई यात्रा उपलब्ध करवाना है मकसद

हवाई अड्डों को बेहतर कनेक्टिविटी और जन सुविधा के लिहाज से प्रदेश में 17 एयरपोर्ट टर्मिनल्स को कम से कम 2 लेन मार्ग से जोड़ा जा रहा है। राज्य सरकार की योजना प्रदेश के हर क्षेत्र को हवाई सेवाओं से जोड़ते हुए आम लोगों को सस्ती, सुलभ और सुरक्षित हवाई सेवाएं उपलब्ध कराने की है। गौरतलब है कि हवाई सेवाओं के लिहाज से देश में फिलहाल केरल, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्य आगे हैं। नए हवाई अड्डे तैयार होने और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या 5 होने के बाद यूपी देश में हवाई सेवाओं के मामले में भी सबसे आगे होगा।

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