मुंबई, 20 सितंबर पारंपरिक और लोकगीतों को अपनी गायकी के नए अंदाज में डालने वाली बॉलीवुड सिंगर प्रिया मल्लिक का नया गाना ‘जगदंबा घर में दियरा’ रिलीज हो गया है। आज भक्ति के बैनर तले प्रसिद्ध मैथिली पारंपरिक मां जगदंबा का यह भजन दुनिया के तमाम म्यूजिक ओटीटी प्लेटफॉर्म से रिलीज हुआ है। इसे प्रस्तुत किया है जाने-माने फिल्म निर्माता पंकज नारायण ने और इसका निर्माण किया है अपूर्वा बजाज ने। इसे संगीत दिया है युवा संगीत निर्देशक अक्षय मेनन ने। पारंपरिक धुन में नए संगीत के साथ प्रिया मल्लिक ने इससे पहले भी कई मैथिली हिट गाने गाए हैं।
प्रिया मल्लिक बॉलीवुड की तेजी से लोकप्रिय हो रही एक युवा गायिका हैं जिन्हें सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स अपना प्यार और सम्मान देते हैं। स्टार भारत चैनल पर प्रसारित और डिजनी हॉटस्टार पर स्ट्रीम हो रहे कार्यक्रम ‘ओम शांति ओम’ सिंगिंग रियलिटी शो से लोकप्रिय हुई प्रिया देश के जाने-माने संगीतकारों के साथ-साथ पार्श्व गायन में सक्रिय है। वह देश-दुनिया के बड़े मंचों से जनता में अपनी आवाज़ का जादू बिखेर रही है। हाल ही में फिल्म ‘भुज’ में उनके द्वारा शंकर महादेवन संग गाये हुए गीत को जनता के साथ- साथ देश के दिग्गज माननीय राजनेताओं द्वारा सराहा गया क्योंकि यह गीत देशभक्ति और ओजस्वी है।
फिल्मी संगीत के साथ-साथ बिहार और उत्तर प्रदेश के लोकगीतों को एक नए अंदाज़ में प्रस्तुत करने के लिए भी प्रिया सोशल मीडिया, प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काफी चर्चा में है। अपनी गायकी के बल पर यूथ आईकॉन बन चुकी प्रिया मल्लिक के बारे कहा जाता है कि एक ऐसी कलाकार जिसमें संस्कार भी है और स्वैग भी। भारतीय संस्कृति को अपने संगीत और वक्तव्य के माध्यम से युवा पीढ़ी में प्रचारित और प्रसारित करने के लिए प्रिया की सराहना की जाती है।
जयपुर घराने से भारतीय शास्त्रीय संगीत की शिक्षा- दीक्षा प्राप्त करने वाली प्रिया मल्लिक जैज, ब्लूज, रॉक एंड रोल जैसी वेस्टर्न गायिकी स्टाइल में भी अपनी प्रस्तुतियां देती है। सरस्वती बाई दादा साहब फाल्के सम्मान,आधी आबादी बेस्ट सिंगर सम्मान, ग्लोबल यूथ आईकॉन अवार्ड, महादेवी वर्मा युवा प्रतिभा सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित मंचों से संगीत में अपने योगदानों के लिए प्रिया को सम्मानित किया जा चुका है।
प्रिया द्वारा गाए हुए गीत देश दुनिया के सभी महत्वपूर्ण ऑडियो ओटीटी प्लेटफार्म पर स्ट्रीम कर रहा है, जिसमें प्रमुख है – ‘आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया’, ‘ए पहुना यही मिथिले में रहू ना’, ‘सोहर’, ‘अरजि अरजि भोला केकरा के देई छी’, ‘गणेश आरती’, दुर्गा सप्तशती का कवच स्तोत्र (संस्कृत में)। इन्होंने हिंदी, अंग्रेजी, मैथिली, भोजपुरी, पंजाबी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ गुजराती, बंगाली सहित देश की कई लोक भाषाओं में गाने रिकॉर्ड किए हैं।