प्रथम चरण के मतदान के बाद तेजस्वी यादव को अपना सूपड़ा साफ होता हुआ दिख रहा है- राजीव रंजन

पटना:- बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी बिहार की करोड़ों जनता के साथ-साथ बिहार के नौजवानों के भी आदर्श है। बिहार का विकास जो उनके कार्यकाल में हुआ है तथा आने वाले समय के लिए परिकल्पना, सोच और जो कार्यक्रम उनके पास है उसकी सराहना करने का समर्थ अगर राजद के पास नहीं है तो कम से कम घटिया शब्दों का प्रयोग करने से राजद के नेता बाज आएं।

बिहार की जनता तेजस्वी यादव को भी पहचानती है और उनके परिवार के 15 वर्षों के खौफनाक शासन को बिहार की जनता आज भी नहीं भूली है। इसीलिए खलनायक जैसे शब्द तेजस्वी यादव को ही मुबारक हो क्योंकि बिहार की जनता के लिए मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार जी खलनायक नहीं नायक है। बिहार की जनता राज्य का भविष्य नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में ही देख रही है और इसीलिए पहले चरण में जोर-शोर के साथ उनके पक्ष में मतदान किया है।

श्री प्रसाद ने कहा कि कल कोरोना महामारी के भय के बावजूद बिहार की जनता ने लोकतंत्र के इस महापर्व में जिस तरह से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया वह काबिले तारीफ है। जिस तरीके से लोगों ने लंबी कतारों में लगकर लंबी प्रतीक्षा के बाद इतनी भारी संख्या में मतदान किया उससे स्पष्ट हो गया कि कोई भी भय उन्हें मतदान करने से नहीं रोक पाया।

दूसरी तरफ राजद या इस तरीके की पार्टियों ने जिन्होंने इस चुनाव को टालने की बात कही थी बिहार की जनता ने भारी संख्या में मतदान कर उन्हें करारा जवाब दिया है। पहले चरण के मतदान से यह बिल्कुल ही स्पष्ट है कि मतदान नीतीश कुमार जी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के लिए ही हुआ है। और एक बड़ी जीत की बुनियाद प्रथम चरण के मतदान के बाद पड़ गई है।

श्री प्रसाद ने कहा कि कल अपनी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बिहार के मतदाताओं को संबोधित करते हुए जब कहा की जंगलराज के युवराज अब बिहार के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो इसके मायने समझने में बहुत परेशानी मतदाताओं को नहीं हुई। दरसल विकास की जिन सीढ़ियों को पिछले 15 वर्षों में बिहार ने चढ़ने का काम किया है बिहार की जनता जंगल राज के उस खौफनाक दौर में वापस लौटा नहीं चाहेगी।

बिहार में जिस तरह से सड़के बनी है, जिस तरह हर घर में बिजली पहुंची है, महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है राज्य एक बड़े बदलाव के कगार पर खड़ा है और दूसरी तरफ कल सात निश्चय पार्ट 2 के जरिए हर खेत को पानी और मेगा स्किल सेंटर के साथ जब हम एक विकसित बिहार की परिकल्पना कर रहे हैं तो फिर ऐसे में जंगलराज के प्रनेताओं को और उनके युवराज तेजस्वी यादव की बिहार के लोगों को कतई जरूरत नहीं है।

 

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