उदीयमान भगवान भास्कर को दिया गया प्रातः कालीन अर्ध्य, विश्व कल्याण की आस के साथ महापर्व सम्पन्न

शनिवार को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ आस्था का महापर्व चैती छठ आज मंगलवार को चौथे दिन भगवान सूर्य को प्रातः कालीन अर्ध्य के साथ सम्पन्न हुआ। कोरोना वायरस से लॉकडाउन को लेकर पूरे देश में बंदी का माहौल है, वहीं बिहार में भी प्रशासन ने लोगों को घर में रहकर ही छठ पूजा करने की अपील की, जिसके बाद ज्यादातर लोगों ने अपने घर में ही भगवान भास्कर को सोमवार को पहला अर्घ्य एवं मंगलवार को उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देते हुए कोरोना से पूरी दुनिया को बचाने की प्रार्थना की।

सोमवार की शाम की तरह मंगलवार को प्रातः पटना समेत पुरे देश में विभिन्न स्थानों पर चैती छठ महापर्व के अवसर पर भगवान भास्कर को दुसरा यानी प्रातः का अर्ध्य दिया गया। कार्तिक छठ की तरह ही चैती छठ भी सूबे में अपनी छटा बिखेरने लगा था पर इस वर्ष कोरोना वायरस की ऐसी मार पड़ी कि अधिकतर लोग इस पर्व को करने से वंचित रह गए।

अधिकतर लोगों ने की घर में हीं दिया अर्ध्य

इस बार अधिकतर लोगों ने घर में हीं कृत्रिम जलाशय में भगवान सूर्य जो प्रत्यक्ष आदि देव और संसार मे ऊर्जा तथा प्रकाश के एक मात्र स्रोत हैं, उनकी आराधना श्रद्धालु ठीक उसी नियम कानून और पवित्रता के साथ करते हैं जैसे कार्तिक मास के महापर्व में। व्रती को 36 घण्टे निर्जला रहने के कारण इसमे अधिक कष्टों का सामना करना पड़ता है फिर भी इस महापर्व की आस्था लगातार बढ़ रही है।

देश के विभिन्न भागों में छठ पर्व प्रातकालीन अर्घ्य के हाथ संपन्न हुआ

उगते हुए सूर्य को लोगों ने अर्घ्य देकर मंगल की कामना की

सोमवार की तरह मंगलवार को भी प्रात:कालीन अर्घ्य दौरान पहले की अपेक्षा में कम लेकिन छठी माई के मनुहार में गाए जा रहे गीतों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। सूर्य के उदय होने के इंतजार में श्रद्धालु फल-फूल, नारियल, ठेकुआ और अन्य प्रसाद सामग्र्रियों से भरे सूप में दीया जलाकर खड़े रहे। फिर वह वक्त भी आया जब सूर्य ने आशा की किरण और विश्व कल्याण के उदय होने का संदेश दिया।

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