PM आवास योजना: 5 लाख 21 हजार लाभार्थियों का गृह-प्रवेश कराएंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए देश में लाखों लोगों को पक्का मकान मिल रहा है और कई लोगों को जल्द ही मिलने वाला है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2024 तक हर व्यक्ति को पक्का आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश में पीएम मोदी 29 मार्च को प्रदेश के 5 लाख 21 हजार हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत गृह-प्रवेश कराएंगे।

राज्य में 24 लाख से अधिक आवास का निर्माण पूर्ण

प्रदेश में अभी तक इस योजना में 24 लाख 10 हजार से अधिक आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं। वर्ष 2016-17 में योजना में 152 आवास पूर्ण हुए थे, वर्ष 2017-18 में 6 लाख 36 हजार, वर्ष 2018-19 में 6 लाख 79 हजार, वर्ष 2019-20 में 2 लाख 71 हजार, वर्ष 2020-21 में 2 लाख 60 हजार एवं वर्ष 2021-22 में 5 लाख 41 हजार से अधिक प्रधानमंत्री आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं। योजना के अंतर्गत प्रोजेक्ट में बैगा, सहरिया एवं भारिया जनजातियों के स्वीकृत आवासों में से 23 हजार से अधिक आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं।

कैसे होता है चयन

इस बारे में प्रदेश अधिकारी पंकज मित्तल ने बताया कि योजना में हितग्राही का चयन सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2021 की सर्वे सूची के आधार पर किया जाता है। योजना में समतल क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों को 01 लाख 20 हजार रुपये प्रति आवास एवं आईपीए जिलों (इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान फॉर ट्राइबल एंड बैकवर्ड डिस्ट्रिक्ट) में 01 लाख 30 हजार रुपये प्रदान किये जाते हैं। आवास स्वीकृत होने पर 25 हजार रुपये की पहली किश्त, प्लिंथ स्तर पर 40/45 हजार रुपये की दूसरी किश्त, लिंटल स्तर पर 40/45 हजार रुपये की तीसरी किश्त तथा आवास पूर्ण होने पर 15 हजार रुपये की चौथी किश्त दी जाती है। साथ ही शौचालय निर्माण के लिये 12 हजार रुपये अतिरिक्त रूप से दिये जाते हैं। मनरेगा योजना में आवास के हितग्राही को 90 से 95 दिन की मजदूरी का भुगतान भी किया जाता है।

आवास प्लस

सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2021 की सर्वे सूची में छूटे हुए पात्र व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास दिलवाने के लिये आवास प्लस योजना शुरू की गई है। इसमें प्रदेश में छूटे हुए 31 लाख 36 हजार परिवारों का नाम जोड़ा गया है, जिन्हें भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार आवास दिए जा सकेंगे।

अभ्युदय नवाचार

इस नवाचार के माध्यम से ऐसे ग्राम अथवा ग्राम पंचायतें, जहां 100 से अधिक आवास बन रहे हैं, वहां विभिन्न योजनाओं को जोड़कर एकीकृत कार्य-योजना बनाई जाती है, जिससे ग्राम एवं ग्रामीणों का सर्वांगीण विकास हो सके। इसमें सामुदायिक और व्यक्तिगत अधोसंरचना निर्माण, सामाजिक सुरक्षा, आजीविका सुदृढ़ीकरण आदि कार्य किये जाते हैं। अभ्युदय नवाचार में पूरे प्रदेश में अभी तक 2731 ग्रामों का चिह्नांकन किया गया है, जिनमें से 1668 ग्रामों के सर्वांगीण विकास की विस्तृत कार्ययोजना बनाई जा चुकी है।

फ्लाई ऐश ब्रिक्स निर्माण

आवास निर्माण में फ्लाई ऐश ब्रिक्स के उपयोग के लिए हितग्राहियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह ईंटें सामान्य ईंट की तुलना में सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण होती हैं। प्रदेश में स्वसहायता समूहों को भी आवास निर्माण के कार्य से जोड़ा गया है। प्रदेश में 33 स्वसहायता समूहों के 300 से ज्यादा सदस्य लगभग 60 से 65 हजार फ्लाई ऐश ईंट प्रतिदिन बना रहे हैं। इसके अलावा लगभग 2800 स्वसहायता समूहों के 11 हजार 840 सदस्यों को बैंकों से ऋण दिलवा कर सेन्टरिंग सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इन कार्यों से ग्रामीण क्षेत्र के स्वसहायता समूहों की महिलाओं का आर्थिक सुदृढ़ीकरण भी हो रहा है।

कोई भी गरीब कच्चे मकान में नहीं रहेगा

इस बार में सीएम शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि मध्य प्रदेश का कोई भी गरीब कच्चे मकान में नहीं रहेगा। हर व्यक्ति का अपना पक्का मकान होगा। मुख्यमंत्री के इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रदेश में इस योजना में तेजी से कार्य जारी है, जिसके अच्छे परिणाम भी सामने आये हैं।

2016 में PM आवास योजना की हुई थी शुरुआत

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 01 अप्रैल 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) देश में शुरू की। इसमें सभी पात्र बेघर परिवारों एवं कच्चे एवं जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे परिवारों को वर्ष 2024 तक पक्का आवास उपलब्ध कराया जाएगा, जिनमें सभी बुनियादी सुविधाएं होंगी। योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को कम कीमत पर आवास उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए बैंक से लोन और सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। इस योजना का लाभ बीपीएल कार्ड धारक वाले व्यक्ति ही नहीं बल्कि अन्य जरूरतमंद व्यक्ति जिनके पास रहने को पक्का मकान नहीं है, वे उठा सकते हैं।  योजना के तहत 1.63 करोड़ आवास बनाए गए हैं, जबकि योजना की शुरुआत से अब तक राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को 1,47,218.31 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।

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