पटना। केंद्रीय पशुपालन, दुग्ध उत्पादन एवं मतस्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा की अगर किसानों को आमदनी बढ़ानी है तो उन्हें कृषि आधारित पशुधन को बढ़ाना होगा। तभी देश का जीडीपी ग्रोथ होगा और किसानों की आय दोगुनी होगी। हमें मतस्य पालन, पोल्ट्री और अन्य उत्पादन सहित किसानों की चिंता करने की आवश्यकता है। अगर हरित क्रांति के साथ पशुधन पर भी ध्यान दिया जाए तो आज हर किशन के चेहरे पर मुस्कराहट होगी। विदित हो की उक्त बातें बुधवार को स्थानीय गाँधी मैदान स्थित ज्ञान भवन में आयोजित तीन दिवसीय बिहार पोल्ट्री एंड अक्वा एक्सपो – 2019 का शुभारंभ करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा की विभिन्न प्रकार की योजनाओं को सिर्फ बैंकों पर थोपने से काम नहीं चलेगा। एक कोआर्डिनेशन मीटिंग बराबर होनी चाहिए, जिसमें कृषि से जुड़े सभी क्षेत्रों के लोग अपनी समस्याओं को साझा कर सकें। किसानों को उनकी लागत का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए प्रयास करना होगा। लागत कैसे कम हो इसका प्रयास हमारे वैज्ञानिक और अन्य विशेषज्ञ मिलकर करेंगे।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि केंद्रीय पशुपालन, दुग्ध उत्पादन एवं मतस्य पालन मंत्री श्री गिरिराज सिंह, विशिस्ट अतिथि बिहार राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री डॉ प्रेम कुमार, पशुपालन एवं मतस्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव एनण् विजयलक्षमी, बिहार पशु विज्ञान विश्यविद्यालय के कुलपति रामेश्वर सिंह, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक अमिताभ लाल, एक्सपो के पहले दिन के प्रायोजक ई आर के सिंह एवं कार्यक्रम आयोजक व रायटर्स एंड क्रिएटर्स के निदेशक राकेश कश्यप द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
वहीं मौके पर उपस्थित विशिष्ट अतिथि बिहार राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने किसानों को हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान किया गया है। अंडा का उत्पादन बढ़ने के लिए बाइलर रेगुलर फार्म विक्षित किये जा रहे हैं। माल ढुलाई के लिए अनुसूचित जाती-जनजाति के लिए वहां खरीदने हेतु 40 प्रतिशत के अनुदान की सुविधा दी जा रही है। प्रधानमंत्री की पहल पर पशुपालन विभाग जो पहले कृषि विभाग में आता था, उसे अब पशुपालन, डेयरी और मतस्य पालन विभागों में बाँट दिया गया है। कृषि रोडमैप में 1163.2 करोड़ रुपये का प्रावधान सिर्फ मतस्य उत्पादन के लिए किया गया है। मछली के खपत में हम शीघ्र राष्ट्रिय औसत पर पहुँच जाएंगे। मतस्य बीजों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। किशनों को इसके लिए अनुदानों की व्यवस्था की गयी है। गरीबों, नौजवानों और बेरोजगारों के लिए इस क्षेत्र में काफी काम किया जा रहा है तथा राष्ट्रिय स्तर पर योजनाएं लायी जा रही है।
जबकि बिहार पशु विज्ञान विश्यविद्यालय के कुलपति रामेश्वर सिंह लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि खाद्य सुरक्षा के लिए पोल्ट्री एवं अक्वा अति आवश्यक है। उन्होंने कहा की पोल्ट्री को बढ़ावा देने के लिए राज्य व केंद्र सरकार दोनों प्रयासरत है। किसान कम लागत में पोल्ट्री एवं अक्वा का अधिक उत्पादन कर सकते हैं बसर्ते उन्हें नयी तकनीक को अपनाना होगा। इस क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार के कई अवसर है।
वहीँ इस कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए कार्यक्रम आयोजक व रायटर्स एंड क्रिएटर्स के निदेशक राकेश कश्यप ने कहा की ज्ञान भवन के लगभग 29000 वर्ग फीट आकार के वातानुकूलित, बहु-उद्देषीय हॉल में लगा यह मेला समस्त उत्तर भारत में अपनी तरह का सबसे बड़ा पोल्ट्री एंड एक्वा मेला है। इस मेले में पोल्ट्रीे एवं मछली उत्पादन के क्षेत्र से जुड़ी फीड, इक्विपमेंट, अन्य राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने-अपने स्टाल लगाए हैं। उन्होंने बताया की इस मेले का समापन 27 सितम्बर को होगा। लगभग 100 स्टाल वाले इस मेले के दूसरे दिन दो तकनीकी सत्रों में पोल्ट्री के कुल सात विषयों पर सेमिनार का आयोजन किया जायेगा, जिसमें संबंधित विषय पर देश के अन्य हिस्सों से आये विषेषज्ञ किसानों व उद्यमियों के साथ चर्चा-परिचर्चा करेंगे।
इस एक्सपो में पोल्ट्री एवं मतस्य पालन सम्बन्धी किसान, उत्पादक, उद्यमी, सरकारी विभाग, विश्वविद्यालय तथा काफी संख्या में विभिन्न कंपनियों के लोग शामिल हो रहे हैं। साथ ही इसमें दूसरे राज्यों से आये प्रतिनिधि भी हिस्सा ले रहे हैं।