पटना। राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने राज्य के कानून व्यव्स्था पर पुलिस मुख्यालय द्वारा दिये गए सफ ाई को राजनीतिक बयानबाजी बताते हुए कहा है कि तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने से हकीकत नहीं बदल जाती। राजद प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस मुख्यालय का यह तर्क कितना हास्यास्पद है कि गाडिय़ों के अप्रत्याशित रजिस्ट्रेशन की वजह से चोरी की घटनाएं बढ़ गई है। एनडीए ने फि रौती के लिए अपहरण को राजद के खिलाफ मुद्दा बनाया था आज पुलिस मुख्यालय खुद स्वीकार रही है कि पिछले छ: महीने के अन्दर फि रौती की 23 घटनाएं दर्ज हुई है।
एनडीए शासनकाल में अबतक 1051 अपहरण की घटनाएं दर्ज हो चुकी है जबकि एक रणनीति के तहत एनडीए शासनकाल में फि रौती के लिए होने वाले कई अपहरणों को भी सामान्य अपहरण के रूप में हीं दर्ज किया गया है। 2005 में सामान्य अपहरण की 2226 घटनाएं दर्ज हुई थी वहीं 2021 के मात्र चार महीने जनवरी से अप्रैल में हीं 3565 घटनाएं दर्ज हैं। 2005 में रेप की 973 घटनाएं दर्ज है वहीं 2020 में 1438 रेप और गैंगरेप की घटनाएं दर्ज हुई है।
2005 में संज्ञेय अपराध की कुल 104778 घटनाएं दर्ज हैं वहीं 2020 में 257506 घटनाएं दर्ज हुई है। पुलिस मुख्यालय को अपने सफ ाई में कनविक्सन रेट की भी चर्चा करनी चाहिए थी जिसमे बिहार सबसे नीचले पायदान पर है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि एनसीआरबी द्वारा राज्यों के लिए जारी क्राइम स्टेटस मे 2005 में बिहार को 26 वें स्थान पर बताया गया है इसके बावजूद पुलिस मुख्यालय का यह दावा कि 2005 की तुलना में बिहार की विधि व्यवस्था आज बेहतर है यह एक भद्दा मजाक हीं है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि यह पुलिस मुख्यालय द्वारा दिया गया राजनीतिक बयान है।
श्वेता / पटना