गुजरात पुलिस द्वारा मजदूरों पर किये गये लाठीचार्ज से मानवता हुआ शर्मसार- एजाज़ अहमद

पटना 4 मई 2020 : जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद ने गुजरात के सूरत में उत्तर प्रदेश तथा बिहार के मजदूरों के घर जाने की मांग कर रहे लोगो के ऊपर पुलिस लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़े की घटना की तीव्र शब्दों में निंदा करते हुए इसे मानवता को शर्मसार करने वाली कार्रवाई बताया ।
उन्होंने ने कहा कि अफसोस की बात है, कि एक और जहां गुजरात सरकार अपने लोगों को उत्तर प्रदेश से लग्जरी बसों में बैठा कर गुजरात पहुंचाती है ।वहीं दूसरी ओर गरीब मजदूरों को ना तो उनके रहने की व्यवस्था की है और ना ही खाने की व्यवस्था है, और जब यह मजदूर अपने घर वापसी की मांग करते हैं तो इन्हें पुलिस के द्वारा पिटवाने का कार्य गुजरात की रुपाणी सरकार करती है । ऐसा लग रहा है कि देश में सिर्फ गुजरात के लोगों को ही रहने का और लग्जरी जीवन जीने का अधिकार मिला हुआ है और दूसरे लोगों को लाठी और आंसू गैस खाने का अधिकार दे दिया गया है यह सरासर अन्याय है और ऐसी घटनाएं इस बात का संकेत देती है कि देश के लोगों के साथ भेदभाव की नीति अपनाई जा रही है जो कहीं से भी उचित नहीं है । एक ओर जहां पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा है वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार के द्वारा बिहारी मजदूरों के साथ दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है जिस कारण मजदूरों में बेचैनी देखी जा रही है जहां एक और संबंधित राज्य सरकार की ओर से उनके रहने और खाने की व्यवस्था नहीं की जा रही है वहीं दूसरी ओर उनके राज्यों में वापस जाने के लिए भी रेलवे के द्वारा कोई उचित व्यवस्था नहीं की जा रही है ।और दिन प्रतिदिन भारत सरकार के द्वारा नए-नए गाइडलाइन लाए जा रहे हैं जहां एक और मदिरालय को खुली छूट दे दी गई है वही मजदूरों के लिए रैन बसेरा तक की व्यवस्था नहीं है, यह कहां का न्याय है। क्या ऐसे संकट के समय में भी राज्यों के साथ भेदभाव की नीति अपनाई जाएगी यह समझ से परे है ।
एजाज ने आगे कहा कि नीतीश कुमार इस मामले में गुजरात सरकार से बात करके स्थिति स्पष्ट करें अन्यथा स्थिति और विकराल हो जायेगा ।
दूसरी ओर युवा जन अघिकार परिषद के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश तिवारी ने युवाओं और छात्रों के लिए अविलंब उनके खाते में सहायता राशि दिए जाने की मांग की है क्योंकि युवा और छात्र भी ऐसे समय में संकट में है और उन्हें अपने आगे की शिक्षा के लिए कॉपी और किताब की भी आवश्यकता है जो उनके आर्थिक स्थिति लाक डाउन के कारण चरमरा गई है।

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