नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया. पीएम मोदी ने नेशनल एन्वायरमेंटल स्टैंडर्ड लैब, नेशनल एटॉमिक टाइमस्केल और भारतीय निर्देशक द्रव्य की शुरुआत भी की. प्रधानमंत्री ने कहा कि नए दशक में ये शुभारंभ देश का गौरव बढ़ाने वाले हैं। नया साल एक और बड़ी उपलब्धि लेकर आया। वैज्ञानिकों ने एक नहीं दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार करने में सफलता पाई है। देश को वैज्ञानिकों के योगदान पर गर्व है। दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू होने जा रहा है। साथ ही बोले कि मेड इन इंडिया की ग्लोबल क्रेडिबिलिटी भी हो, प्रोडक्ट्स की क्वालिटी से इनकी ताकत बढ़ेगी।
मोदी ने कहा, ‘आज भारत में इंडस्ट्री और इंस्टिट्यूशन के बीच collaboration को मजबूत किया जा रहा है। दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत में अपने रिसर्च सेंटर औऱ फैसिलिटीज स्थापित कर रही हैं। बीते वर्षों में इन फैसिलिटीज की संख्या भी बढ़ी है।’ कर्मण्येवाधिकारस्ते का मंत्र वैज्ञानिकों ने स्वयं के जीवन में साकार किया है। भारतीय वैज्ञानिक 130 करोड़ भारतीयों की आशाओं की पूर्ति के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं. आज भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक के शीर्ष 50 देशों में शामिल हो गया है। बौद्धिक संपदा का संरक्षण कैसे हो, युवाओं को यह भी सिखाना है.
पीएम मोदी ने कहा ‘ड्रोन पहले युद्ध के लिए बनाए गए थे पर आज उसका विविध क्षेत्रों में व्यापक उपयोग हो रहा है। आज आवश्यकता है कि युवा वैज्ञानिक, शोध परिणामों के अतिरिक्त उसके अन्य उपायों की संभावनाएं भी तलाशें. किसी भी प्रगतिशील समाज में अनुसंधान हमारे ज्ञान और समझ को विस्तार देने में सहायता प्रदान करता है। Air quality और emission को मापने की तकनीक से लेकर टूल्स तक हम दूसरों पर निर्भर रहे हैं। आज इसमें भी आत्मनिर्भरता के लिए हमने बड़ा कदम उठाया है।
आज का भारत पर्यावरण की दिशा में दुनिया का नेतृत्व करने की ओर बढ़ रहा है-
आगे मोदी ने कहा, ‘आज भारत दुनिया के उन देशों में है जिनके पास अपने नेविगेशन सिस्टम है। आज इसी ओर एक और कदम बढ़ा है। आज जिस भारतीय निर्देशक का लोकार्पण किया गया है। ये हमारे उद्योग जगत को क्वालिटी प्रोडक्ट्स बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।’
प्रधानमंत्री बोले- हमें यह सुनिश्चित करना है कि भारत में बने उत्पादों की गुणवत्ता श्रेष्ठ हो और उनकी वैश्विक स्वीकार्यता हो। इन नए मानकों से देश भर के जिलों के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में सहायता मिलेगी। हमारे उत्पादों की गुणवत्ता जितनी बेहतर होगी, देश की अर्थव्यवस्था उतनी ही सशक्त होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद मोदी- देश वर्ष 2022 में अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर रहा है और 2047 में हमारी आज़ादी के 100 वर्ष होंगे। इस दौरान हमें आत्मनिर्भर भारत के नए संकल्पों को ध्यान में रखते हुए नए मानकों को गढ़ने की दिशा में आगे बढ़ना ही है।
पीएम ने कहा, ‘भारत के वैज्ञानिकों ने एक नहीं दो मेड इन इंडिया कोविड वैक्सीन विकसित करने में सफलता पाई है। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड वैक्सीन कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है। इसके लिए देश को अपने वैज्ञानिकों के योगदान पर बहुत गर्व है।’
हमारे युवा आज CSIR जैसे संस्थानों के विषय में जानना चाह रहे हैं, इसीलिए मैं चाहूंगा CSIR के वैज्ञानिक, देश के युवाओं से अपने अनुभव साझा करें। इससे देश में युवा वैज्ञानिकों की नई पीढ़ी तैयार करने में सहायता मिलेगी : प्रधानमंत्री
कॉन्क्लेव, काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी (CSIR-NPL), नई दिल्ली द्वारा आयोजित किया जा रहा है, इसकी स्थापना के 74 साल पूरे हो गए हैं। रविवार को पीएम ने ट्विटर पर इसकी घोषणा की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘सुबह 11 बजे, 4 जनवरी को, राष्ट्रीय मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया जाएगा। नेशनल एटॉमिक टाइमस्केल और भारतीय निर्देशक द्रव्य राष्ट्र को समर्पित होगा। राष्ट्रीय पर्यावरण मानक लैब की नींव भी रखी जाएगी।’