पीएम मोदी ने शनिवार को मध्यप्रदेश के श्योपुर में ‘स्वयं सहायता समूह सम्मेलन’ (एसएचजी) को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, देश की माताएं-बहनें और देश की बेटियां मेरा सबसे बड़ा रक्षा कवच हैं। ‘स्वयं सहायता समूह सम्मेलन’ में लोगों के स्नेह से अभिभूत हूं। बताना चाहेंगे यह कार्यक्रम स्वयं सहायता समूह से जुड़ी माताओं-बहनों पर केंद्रित था।
SHG से जुड़ी सभी माताओं-बहनों के स्वागत में कहे ये अनमोल शब्द…
पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सभी माताओं-बहनों का स्वागत करते हुए कहा कि अगर कोई कार्यक्रम मेरे जिम्मे नहीं है तो आमतौर पर मेरा प्रयास रहता है कि मेरी मां के पास जाऊं, उनके चरण छूकर आशीर्वाद लूं, लेकिन आज मैं मां के पास तो नहीं जा सका लेकिन मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल के, अन्य समाज के, गांव-गांव में मेहनत करने वाली लाखों माताएं आज मुझे यहां आशीर्वाद देने पहुंची हैं। ये दृश्य आज जब मेरी मां देखेगी तो उसको जरूर संतोष होगा कि भले बेटा आज उसके पास नहीं गया लेकिन लाखों माताओं ने मुझे आशीर्वाद दिया है, मेरी मां को आज ज्यादा प्रसन्नता होगी।
देशवासियों को विश्वकर्मा पूजा की दी शुभकामनाएं
पीएम मोदी ने आगे जोड़ते हुए कहा, इतनी बड़ी तादाद में माताओं, बहनों और बेटियों का आशीर्वाद हम सबके लिए बहुत बड़ी ताकत है, एक बहुत बड़ी ऊर्जा है और मेरे लिए तो देश की माताएं-बहनें देश की बेटियां मेरा सबसे बड़ा रक्षा कवच है, शक्ति का स्रोत है, मेरी प्रेरणा है। इतनी बड़ी विशाल संख्या में आए भाई-बहनों को बताना चाहूंगा कि आज एक और महत्वपूर्ण दिवस है। आज विश्वकर्मा पूजा भी हो रही है। विश्वकर्मा जयंती पर स्वयं सहायता समूह का इतना बड़ा सम्मेलन अपने आप में एक बहुत बड़ी विशेषता के रूप में मैं देखता हूं। पीएम मोदी ने वहां मौजूद लोगों से कहा, मैं आप सभी को और सभी देशवासियों को विश्वकर्मा पूजा की भी अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।
पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक लहराया नारी शक्ति का परचम
पीएम मोदी ने कहा, मुझे आज इस बात की भी खुशी है कि भारत की धरती पर अब 75 साल बाद चीता फिर से लौट आया है। अब से कुछ देर पहले मुझे कूनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ने का सौभाग्य मिला। पिछली शताब्दी के भारत और इस शताब्दी के नए भारत में एक बहुत बड़ा अंतर हमारी नारी शक्ति के प्रतिनिधित्व के रूप में आया है। आज के नए भारत में पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारी शक्ति का परचम लहरा रहा है।
जहां महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा, वहां सफलता अपने आप हुई तय
पीएम मोदी ने कहा, जिस भी सेक्टर में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है, उस क्षेत्र में, उस कार्य में सफलता अपने आप तय हो जाती है। स्वच्छ भारत अभियान की सफलता इसका बेहतरीन उदाहरण है, जिसको महिलाओं ने नेतृत्व दिया है।
पिछले 8 वर्षों में स्वयं सहायता समूहों (SHG) को सशक्त बनाने में की मदद
उन्होंने बताया कि पिछले 8 वर्षों में स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने में हमने हर प्रकार से मदद की है। आज पूरे देश में 8 करोड़ से अधिक बहनें इस अभियान से जुड़ी हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर ग्रामीण परिवार से कम से कम एक बहन इस अभियान से जुड़े। आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, गांव की अर्थव्यवस्था में, महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए, उनके लिए नई संभावनाएं बनाने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ के माध्यम से हम हर जिले के लोकल उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
देश में मनाया जा रहा ‘पोषण माह’
पीएम मोदी ने कहा, सितंबर का ये महीना देश में पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। भारत की कोशिशों से संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मोटे अनाज के वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है। 2014 के बाद से ही देश, महिलाओं की गरिमा बढ़ाने, महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान में जुटा हुआ है। शौचालय के अभाव में जो दिक्कतें आती थीं, रसोई में लकड़ी के धुएं से जो तकलीफ होती थी, वो आप अच्छी तरह जानती हैं। देश में 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर, 9 करोड़ से ज्यादा उज्जवला के गैस कनेक्शन देकर और करोड़ों परिवारों में नल से जल देकर, आपका जीवन आसान बनाया है।
बेटियों के लिए बंद दरवाजे खोले
पीएम मोदी ने कहा, महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण उन्हें समाज में भी उतना ही सशक्त करता है। हमारी सरकार ने बेटियों के लिए बंद दरवाजे को खोल दिया है। बेटियां अब सैनिक स्कूलों में भी दाखिला ले रही हैं, पुलिस कमांडो भी बन रही हैं और फौज में भी भर्ती हो रही हैं।