प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नैसकॉम टेक्नोलॉजी और लीडरशीप फोरम को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा नैसकॉम का टेक्नोलॉजी और लीडरशिप फोरम मेरी दृष्टि से बहुत विशेष है। अब एक ऐसा समय है जब दुनिया भारत से पहले से ज्यादा उम्मीद और भरोसे के साथ देख रही है। हमारे यहां कहा गया है “न दैन्यं न पलायनम्” यानी कितनी भी मुश्किल हो हमें खुद को कमजोर नहीं समझना चाहिए और न ही चुनौती से डर कर पलायन करना चाहिए। उन्होंने कहा कोरोना के दौरान भारत के ज्ञान-विज्ञान और टेक्नोलॉजी ने न सिर्फ खुद को साबित किया है बल्कि खुद को इवॉल्व भी किया है। एक समय था जब हम स्मॉल पोक्स के टीके के लिए भी दूसरे देशों पर निर्भर थे। एक समय यह भी है जब हम दुनिया के अनेकों देशों को “मेड इन इंडिया” कोरोना वैक्सीन दे रहे हैं।
आई.टी इंडस्ट्री अपने रेवेन्यू में चार बिलियन डॉलर और जोड़े तो सचमुच यह प्रशंसनीय है-
उन्होंने कहा कोरोना के दौरान भारत ने जो समाधान दिए वो आज पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा है। भारत की आई.टी. इंडस्ट्रीज ने कमाल करके दिखाया है। पीएम ने कहा वेन द चिप्स वर डाउन यूअर कोड कैप थिंग्स रनिंग। जब पूरा देश घर की चारदीवारी में सिमट गया था तब आप घर से ही इंडस्ट्री को बड़े आराम से चला रहे थे। बीते साल के आंकड़े दुनिया को भले ही चकित करते हो आपकी क्षमताओं को देखते हुए भारत के लोगों को यह बहुत स्वाभाविक लगता है। ऐसी स्थिति में जब हर सेक्टर कोरोना से प्रभावित था तब भी आपने करीब 2 प्रतिशत की ग्रोथ हासिल की। जब डिग्रोथ की आशंकाएं जताई जा रही थी तब भी अगर भारत की आई.टी इंडस्ट्री अपने रेवेन्यू में चार बिलियन डॉलर और जोड़े तो सचमुच यह प्रशंसनीय है और आप सारी टीम अभिनंदन के अधिकारी हैं।
आई.टी इंडस्ट्री ने सिद्ध किया है कि वो भारत के विकास का मजबूत स्तंभ-
प्रधानमंत्री ने कहा इस दौरान लाखों नए रोज़गार देकर आई.टी इंडस्ट्री ने सिद्ध किया है कि वो भारत के विकास का मजबूत स्तंभ क्यों है। आज तमाम डेटा हर इंडिकेटर ये दिखा रहे हैं कि आईटी इंडस्ट्री का ये ग्रोथ मूवमेंटम ऐसी ही नई बुलंदिया छूने वाला है। साथियों नया भारत व हर भारतवासी प्रगति के लिए अधीर है। हमारी सरकार नए भारत के युवाओं की इन भावनाओं को समझती है। 130 करोड़ से अधिक भारतीयों की अकांक्षाएं हमें तेजी से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। नए भारत से जुड़ी अपेक्षाएं जितनी सरकार से हैं उतनी ही आपसे भी है। देश के प्राइवेट सेक्टर से भी हैं।
बरसों पहले आईटी इंडस्ट्री ने अपने फुटप्रिंट्स ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर जमाए-
पीएम मोदी बोले भारत की आईटी इंडस्ट्री ने अपने फुटप्रिंट्स ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर बरसों पहले जमा दिए थे। पूरी दुनिया को हमारे भारतीय एक्सपर्ट सर्विसिज एंड सॉल्युशन देने में नेतृत्व कर रहे थे। लेकिन कुछ कारण रहे कि भारत का जो विशाल डोमेस्टिक मार्केट है उसका लाभ आईटी इंडस्ट्री को नहीं मिल पाया। इस वजह से भारत में डिजिटल डिवाइड बढ़ता गया। हम कह सकते हैं दिया तले अंधेरे वाली रात हमारी सामने थी। हमारी सरकार की नीतियां और निर्णय गवाह है कि कैसे बीते वर्षों में हमारी सरकार ने इस अप्रोच को बदल दिया है। हमारी सरकार भी ये भलि-भांति जानती है कि बंधनों में भविष्य की लीडरशिप विकसित नहीं हो सकती। इसलिए सरकार द्वारा टेक इंडस्ट्री को अनावश्यक रेग्यूलेशन के बंधनों से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा था। नेशनल डिजिटल कम्यूनिकेशन पॉलिसी एक ऐसा ही बड़ा प्रयास था।
भारत को ग्लोबल सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट हब बनाने के लिए बनाई गई नेशनल पॉलिसी-
भारत को ग्लोबल सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट हब बनाने के लिए नेशनल पॉलिसी भी बनाई गई। सुधारों का यह सिलसिला कोरोना काल में भी जारी रहा। कोरोना काल में ही अदर सर्विस प्रोवाइडर (ओएसपी) गाइडलाइंस को जारी किया गया। इससे नई परिस्थितियों में आपके लिए काम करना आसान हुआ। आपको काम को कम से कम रुकावटों का सामना करना पड़ा। 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग अपने घरों से काम कर रहे हैं कुछ लोग तो अपने मूल गांव से काम कर रहे हैं। यह अपने आप में बहुत बड़ी ताकत बनने वाला है। 12 चैम्पियन सर्विस सेक्टर में इंफोरमेशन टेक्नोलॉजी को शामिल करने का लाभ भी आपको होना शुरू हुआ है।
मैप और जियो स्पेशल डेटा को कंट्रोल मुक्त कर इसे इंडस्ट्री के लिए खोल देना एक बहुत महत्वपूर्ण कदम