इटली और ब्रिटेन के पांच दिनों की यात्रा पर गए पीएम मोदी आज रोम पहुंच गए हैं। पीएम मोदी इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर जी-20 देशों के नेताओं के 16वें शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रोम पहुंचे हैं। इसके बाद वह ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के आमंत्रण पर एक से दो नवंबर तक ब्रिटेन के ग्लासगो की यात्रा करेंगे। यहां पर वे 26वें कॉप सम्मेलन में भाग लेने के लिए ग्लासगो पहुंचेंगे, जहां वो ब्रिटेन के पीएम के अलावा अन्य नेताओं के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
बीते दिन, 28 अक्टूबर को आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान विदेश सचिव ने बताया कि पीएम मोदी की ये 8वीं बैठक होगी। इससे पहले वो 7 बैठकों में हिस्सा ले चुके हैं। जानकारी के लिए बता दें कि बीते वर्ष, कोरोना महामारी की वजह से G20 सम्मेलन वर्चुअल रूप से हुआ था। पीएम मोदी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के न्यौते पर यूके जा रहे हैं। यहां वह वैटिकन में पोप से भी मुलाकात करेंगे।
क्या है कॉप सम्मलेन?
बताना चाहेंगे कि इस बार का COP-26 शिखर सम्मेलन ब्रिटेन की अध्यक्षता में 31 अक्तूबर से 12 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में इटली सहयोगी देश है। विश्व नेताओं का शिखर सम्मेलन 1 और 2 नवंबर को आयोजित किया जाएगा। इसमें 120 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्ष भाग लेंगे। यह सम्मेलन बीते वर्ष आयोजित किया जाना था, लेकिन कोविड महामारी को देखते हुए टाल दिया गया था।
G20 में इन मुद्दों पर चर्चा
इटली के पीएम के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी जी-20 समिट में शामिल होने जा रहे हैं। इस दौरान उनकी इटली के प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें होंगी। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि G20 सम्मेलन इस बार इकोनॉमिक और हेल्थ रिकवरी पर केंद्रित होगा, इसके अलावा जलवायु परिवर्तन पर भी इस सम्मेलन में चर्चा होगी। ऐसे मुद्दे जो हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं जैसे सीमा पार आतंकवाद, आतंकी फंडिंग या आतंकवाद से संबंधित दूसरे मुद्दे जी-20 समिट में उठाने से हम पीछे नहीं रहेंगे।
विदेश सचिव ने कहा कि भारत ने जी-20 मंच का प्रभावी वैश्विक संवाद के लिए बेहतर उपयोग किया है। जलवायु परिवर्तन की समस्या से भारत बेहतर तरीके से निपट रहा है और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भारत बेहतर ढंग से काम कर रहा है। चूंकि, वैश्विक आर्थिक सुधारों के लिए जी-20 मंच भारत के लिए महत्वपूर्ण है, ऐसे में खाद्य सुरक्षा और पोषक तत्व पर विशेष सत्र का आयोजन होगा।
वैक्सीनेशन सर्टिफिकेशन को मिले मंजूरी
कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव ने कहा कि हमने ऐसे ज्यादातर देशों के साथ बातचीत की है, जहां भारतीय नागरिक यात्रा करते हैं। उन्हें हमारे वैक्सीनेशन सर्टिफिकेशन को मंजूरी देनी चाहिए और हम भी उन देशों के वैक्सीनेशन सर्टिफेकेशन को मंजूरी देंगे। बहुत से देश इस बात से सहमत हैं।
विदेश सचिव ने बताया कि WHO के टेक्निकल एक्शन ग्रुप की बैठक हुई थी, जिसमें इन्होंने भारत बायोटेक से कुछ सवाल पूछे थे। भारत बायोटेक इन सवालों के जवाब जल्द ही WHO को दे देगा। ऐसे में उम्मीद है कि कोवैक्सीन के लिए मंजूरी जल्द ही मिल जाएगी।