यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शनिवार को विशेष आमंत्रित के रूप में यूरोपीय परिषद की बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक में यूरोपीय संघ के 27 देशों हिस्सा लेंगे। बताना चाहेंगे ऐसी बैठक इससे पहले केवल एक बार हुई है। भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की इस बैठक की मेजबानी पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा करेंगे।
इन विषयों पर होगी चर्चा
आज की इस बैठक में कोविड महामारी से निपटने और स्वास्थ्य देखभाल के बारे में सहयोग, सतत और समावेशी विकास, भारत-यूरोपीय संघ आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने तथा आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की यह बैठक भू-राजनीतिक दृष्टि से अभूतपूर्व अवसर
भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की यह बैठक भू-राजनीतिक दृष्टि से एक अभूतपूर्व अवसर है। यह बैठक एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मील का पत्थर है। यह जुलाई 2020 में हुए 15वें भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के बाद से आपसी संबंधों में आई तेजी को आगे और मजबूत करने में मदद करेगी। यह बैठक विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक भू-भागों के बीच हमारी साझेदारी को बढ़ाएगा और अंतरराष्ट्रीय व्यापार व निवेश पर इसका सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
दोनों देशों के बीच साझेदारी मजबूत होने के अवसर
वहीं, बैठक से पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने संयुक्त लिखित वक्तव्य भी दिया है, जिसमें महत्वपूर्ण बात कही गई है। इस वक्तव्य में कहा गया है कि क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों में भारत की प्रमुख भूमिका रही है और आने वाले वर्षों में इसका और विस्तार होगा। दोनों क्षेत्रों के बीच साझेदारी मजबूत होने से यूरोप को सामरिक क्षेत्र में अपने रिश्तों की विविधता के विस्तार का अवसर मिलेगा।पीएम मोदी यूरोपीय परिषद की बैठक में विशेष आमंत्रित के रूप में होंगे शामिल
यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शनिवार को विशेष आमंत्रित के रूप में यूरोपीय परिषद की बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक में यूरोपीय संघ के 27 देशों हिस्सा लेंगे। बताना चाहेंगे ऐसी बैठक इससे पहले केवल एक बार हुई है। भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की इस बैठक की मेजबानी पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा करेंगे।
इन विषयों पर होगी चर्चा
आज की इस बैठक में कोविड महामारी से निपटने और स्वास्थ्य देखभाल के बारे में सहयोग, सतत और समावेशी विकास, भारत-यूरोपीय संघ आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने तथा आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की यह बैठक भू-राजनीतिक दृष्टि से अभूतपूर्व अवसर
भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की यह बैठक भू-राजनीतिक दृष्टि से एक अभूतपूर्व अवसर है। यह बैठक एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मील का पत्थर है। यह जुलाई 2020 में हुए 15वें भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के बाद से आपसी संबंधों में आई तेजी को आगे और मजबूत करने में मदद करेगी। यह बैठक विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक भू-भागों के बीच हमारी साझेदारी को बढ़ाएगा और अंतरराष्ट्रीय व्यापार व निवेश पर इसका सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
दोनों देशों के बीच साझेदारी मजबूत होने के अवसर
वहीं, बैठक से पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने संयुक्त लिखित वक्तव्य भी दिया है, जिसमें महत्वपूर्ण बात कही गई है। इस वक्तव्य में कहा गया है कि क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों में भारत की प्रमुख भूमिका रही है और आने वाले वर्षों में इसका और विस्तार होगा। दोनों क्षेत्रों के बीच साझेदारी मजबूत होने से यूरोप को सामरिक क्षेत्र में अपने रिश्तों की विविधता के विस्तार का अवसर मिलेगा।