पीएम मोदी ने टैक्स सिस्टम में किया सुधार, ईमानदार टैक्सपेयर्स को तोहफा

नई दिल्ली: ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन और कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक नए खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत की. इस प्लेटफॉर्म का नाम ‘ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ दिया गया है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये प्लेटफॉर्म 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की शुरुआत है, जिसमें फेसलैस असेसमेंट-अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म हैं इस नए सिस्टम से देश के करदाताओं के लिए कई सहूलियतों दी जाएंगी. उन्हें इनकम टैक्स विभाग के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी, बेवजह के विवादों से भी छुटकारा मिलेगा.

प्रधानमंत्री ने बताया कि 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्स होते थे और उनकी स्क्रूटनी होती थी आज उससे काफी कम है, क्योंकि हमने टैक्सपेयर्स पर भरोसा किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज 130 करोड़ लोगों में से सिर्फ डेढ़ करोड़ लोग ही टैक्स भर रहे हैं, ये संख्या काफी कम है. हर व्यक्ति को इसपर चिंतन करना होगा, इससे ही देश आत्मनिर्भर बनेगा. उन्होने बताया कि इन सारे प्रयासों के बीच बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की बढ़ोतरी हुई है, पीएम ने कहा कि 15 अगस्त से ही लोग टैक्स देने का संकल्प लें. फेसलेस अपील की सुविधा 25 सितंबर यानी दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि अब टैक्स सिस्टम भले ही फेसलेस हो रहा है, लेकिन टैक्सपेयर को ये फेयरनेस और फीयरलेसनेस का विश्वास देने वाला है.’

पीएम मोदी ने कहा कि ‘देश का ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है. जब देश के ईमानदार टैक्सपेयर्स का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तभी देश का भी विकास होता है. पिछले कुछ साल में करीब डेढ़ हजार कानूनों को हमारी  सरकार ने खत्म किया है. इतना ही नहीं ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत 134वें स्थान से 63वें स्थान पर आ गया है. कोरोना के दौरान रिकॉर्ड FDI का आना इसका उदाहरण है.’  टैक्सपेयर्स चार्टर भी देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है. अब आयकर विभाग को टैक्सपेयर का सम्मान रखना जरूरी होगा. पीएम ने कहा कि टैक्सपेयर्स के योगदान से ही देश चलता है और उसे तरक्की का मौका मिलता है.

पीएम मोदी ने कहा कि ”अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार किया जाएगा. यानि आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर की डिग्निटी का, संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा. जो टैक्स देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो टैक्स नेट में नहीं है, वो अपनी मर्जी से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी. आइए, विश्वास के, अधिकारों के, दायित्वों के, प्लेटफॉर्म की भावना का सम्मान करते हुए, नए भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करें.

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