प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से त्योहारों पर स्वदेशी सामानों की ज्यादा खरीदारी करने और प्लास्टिक बैग की जगह जूट के बैग का इस्तेमाल करने की अपील की। पीएम मोदी ने आकाशवाणी पर अपने ‘मन की बात’ मासिक कार्यक्रम में कहा ‘बीते वर्षों से हमारे त्योहारों के साथ देश का एक नया संकल्प “वोकल फाॅर लोकल” भी जुड़ गया है। पीएम ने त्योहारों का जिक्र करते हुए कहा, हम त्योहारों की खुशी में अपने स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों को और व्यापारियों को भी शामिल करते हैं। आने वाले 02 अक्टूबर को बापू की जयन्ती के मौके पर हमें इस अभियान को और तेज करने का संकल्प लेना है।
पीएम की खास अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्योहारों पर उपहार के रूप में खादी, हथकरघा और हस्तशिल्प के साथ साथ स्थानीय उत्पादों तथा पैकिंग के लिए गैर प्लास्टिक बैग का उपयोग करने का आह्वान किया है। पीएम ने देशी वस्तुओं का जिक्र करते हुए कहा हमारे यहां जूट, सूत, केले और ऐसे कितने ही पारंपरिक बैग मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान हम आत्मनर्भिर भारत का भी लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। जो सही मायने में आजादी के दीवानों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इसलिए मेरा आपसे निवेदन है इस बार खादी, हैंडलूम या हस्तशिल्प उत्पादों को खरीदने के सारे रिकॉर्ड तोड़ दें।
“वोकल फाॅर लोकल” से स्वास्थ्य होगा पर्यावरण
पिछले कुछ समय से आप ने देखा होगा कि प्लास्टिक बैन अभियान के बाद से देश में अब जूट, कपास, केला फाइबर और पारंपरिक बैग का इस्तेमाल बढ़ रहा है। जूट, कपास आदि के बैग का अगर आप प्रयोग करते हैं, तो अप्रत्यक्ष रूप से देश की तरक्की में हम योगदान देते हैं, इसे ऐसे समझ सकते हैं कि लगभग 40 लाख जूट किसानों के अलावा 7 लाख से अधिक लोग जूट व्यापार पर निर्भर हैं। इन व्यापार में ज्यादातर उद्योग सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम यानि MSME के अंतर्गत आते हैं। अगर हम इनके उत्पादों को खरीदते हैं तो त्योहारों की खुशी में अपने local कारीगरों को, शिल्पकारों को और व्यापारियों को भी शामिल करते हैं। इसके साथ ही त्योहारों पर गैर-प्लास्टिक बैग्स का उपयोग स्वच्छता के साथ-साथ अपने पर्यावरण के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखते हैं।
जूट की बढ रही मांग
आपको बता दें कि विदेशों में भारतीय जूट की काफी मांग है। भारत जूट का सबसे बड़ा उत्पादक है जिसके बाद बांग्लादेश और चीन का स्थान आता है। भारत 97 से अधिक देशों में जूट और जूट से बने उत्पादों का निर्यात किया जाता है। दुनिया भर में प्लास्टिक बैग पर बैन लगने के बाद भारतीय जूट की मांग अधिक बढ़ गई है।
तो इस बार जब नवरात्रों और दीवाली पर शॉपिंग करने जाएं तो प्लास्टिक बैग की जगह, हाथ से बने बैग का इस्तेमाल करें। इससे त्योहारों और पर्वों पर स्वच्छता के साथ पर्यावरण को बढ़ावा मिलेगा ।