भारत में रविवार को खेलों के महाकुंभ ”खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स” के दूजे संस्करण का आगाज हो चुका है। खेलों का यह महाकुंभ 24 अप्रैल से 3 मई तक चलेगा। इस दौरान डीडी स्पोर्ट्स पर खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का सीधा प्रसारण देखा जा सकता है। बता दें, देश में यह स्पोर्ट्स इवेंट खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए है।
स्टार्टअप्स की दुनिया में स्पोर्ट्स का ये संगम, अद्भुत
रविवार को इस कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जीवन और खेल के बीच समानताएं बताते हुए कहा कि जीत को पचाने का हुनर और हार से सीखना एक महत्वपूर्ण कला है, जिसे हम खेल के मैदान में सीखते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि बेंगलुरु शहर अपने आप में देश के युवा जोश की पहचान है। बेंगलुरु प्रोफेशनल्स की आन-बान और शान है। डिजिटल इंडिया वाले बेंगलुरु में खेलो इंडिया का आह्वान अपने आप में अहम है। स्टार्टअप्स की दुनिया में स्पोर्ट्स का ये संगम, अद्भुत है। बेंगलुरु में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का होना, इस खूबसूरत शहर की एनर्जी को और बढ़ाएगा।
महामारी की चुनौतियों के बीच खेलों के आयोजन पर पीएम मोदी ने आयोजकों के संकल्प को सलाम किया, जो दृढ़ संकल्प और जुनून का प्रतीक है। पीएम ने कहा कि यह युवा जुनून भारत को हर क्षेत्र में नई गति के साथ चला रहा है।
हमें खेलों से मिलती है सीख
पीएम मोदी ने सफलता के पहले मंत्र के रूप में टीम भावना के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “यह टीम भावना हमें खेलों से सीखने को मिलती है। आप इसे सीधे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में अनुभव करेंगे। यह टीम भावना हमें जीवन को देखने का एक नया नजरिया भी देती है।”
आगे उन्होंने कहा कि समग्र दृष्टिकोण और शत-प्रतिशत समर्पण खेल में सफलता की प्रमुख आवश्यकताएं हैं। खेल के मैदान से मिली ताकत और सीख भी जीवन में आगे ले जाती है। पीएम मोदी ने जोर दिया, “खेल, वास्तविक अर्थों में जीवन की वास्तविक समर्थन प्रणाली है।”
खेल और जीवन के बीच समानताएं
पीएम मोदी ने विभिन्न पहलुओं जैसे जज्बे, जोश, जुनून, चुनौतियों, हार से सीख और पल में जीने की क्षमता के संबंध में खेल और जीवन के बीच समानताएं भी बताईं। उन्होंने कहा, “जीत को पचाने का हुनर और हार से सीखना एक महत्वपूर्ण कला है, जिसे हम खेल के मैदान में सीखते हैं।”
युवाओं ने फिटनेस को देश की प्रगति का मंत्र बनाया
प्रधानमंत्री ने एथलीटों से कहा कि वे नए भारत के युवा हैं और एक भारत श्रेष्ठ भारत के ध्वज-वाहक भी हैं। युवा सोच और दृष्टिकोण आज देश की नीतियों को आकार दे रहा है। आगे उन्होंने कहा कि आज के युवाओं ने फिटनेस को देश की प्रगति का मंत्र बना लिया है। कई पहल खेलों को पुरानी सोच के बंधन से मुक्त कर रही हैं।
नई शिक्षा नीति में खेलों पर जोर
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में खेलों पर जोर, खेलों के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचा, पारदर्शी चयन प्रक्रिया या खेलों में आधुनिक तकनीक का बढ़ता उपयोग जैसे उपाय तेजी से नए भारत की पहचान बन रहे हैं। यह युवाओं की उम्मीदें, आकांक्षाएं और नए भारत के फैसलों की नींव है।
देश में नए खेल विज्ञान केंद्र किए जा रहे स्थापित
आगे पीएम मोदी ने कहा, “अब देश में नए खेल विज्ञान केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। समर्पित खेल विश्वविद्यालय बन रहे हैं। यह आपकी सुविधा के लिए है और आपके सपनों को पूरा करने के लिए है।”
पीएम मोदी ने देश की शक्ति और खेल की शक्ति के बीच की कड़ी को दोहराते हुए कहा कि खेल की शक्ति देश की शक्ति को बढ़ाती है। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक दल के साथ अपनी मुलाकात को याद किया और एथलीटों के चेहरों पर देश के लिए कुछ करने की चमक और संतुष्टि का भी स्मरण किया। प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से खेलों में भाग लेकर देश के लिए खेलने का आह्वान किया।
कैसे मिलेगा खिलाड़ियों को बढ़ावा ?
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के दूसरे संस्करण की शुरुआत बेंगलुरु में देश की सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता के आगाज के मौके पर रंगारंग समारोह के साथ हुई। उद्घाटन समारोह में कर्नाटक की कला और संस्कृति की शानदार झलक देखने को मिली। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश के युवाओं को खेलों को अपनी दिनचर्या का अहम हिस्सा बनाना चाहिए और कोई भी एक खेल जरूर खेलना चाहिए।
पीएम मोदी ने अपने वीडियो संदेश में क्या कहा..?
वहीं इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि इन खेलों में हिस्सा ले रहे खिलाड़ियों में से कई खिलाड़ी आगे चलकर देश का नाम रोशन करेंगे। पीएम मोदी ने कहा ” आप में से ही कई खिलाड़ी निकलेंगे जो आगे राज्य स्तर पर खेलेंगे। आप में से कई युवा आगे इंटरनेशनल लेवल पर देश को रिप्रेजेंट करेंगे। स्पोर्ट्स फिल्ड का आपका यह अनुभव आपको लाइफ की हर फिल्ड में हेल्प करेगा। स्पोर्ट्स सच्चे अर्थ में जीवन का सच्चा सपोर्ट सिस्टम है। जो शक्ति जो सीख आपको स्पोर्ट्स में आगे ले जाती है, वही आपको जीवन में भी आगे ले जाती है।
खिलाड़ियों के लिए बेहतर कैसे है यह प्लेटफॉर्म?
दुनियाभर के देशों में देखा गया है कि ओलंपिक खेलों में यूनिवर्सिटी के खिलाड़ी बहुत अच्छा करते हैं। भारत में कहीं न कहीं उसकी कमी थी। पीएम मोदी के आने बाद जो खेलो इंडिया योजना बनी, उसमें यूथ गेम्स और यूनिवर्सिटी गेम्स को अलग-अलग रखा गया है। इससे सीधे पता चलता है कि केंद्र सरकार कैसे खेलों को बढ़ावा देने का प्रयास किया और यूनिवर्सिटीज आगे आईं। जैन यूनिवर्सिटी जो यहां पर आयोजन कर रही है, कर्नाटक सरकार के साथ-साथ उन्होंने बहुत शानदार सुविधाएं यहां पर दी हैं। यह प्रयास खिलाड़ियों को एक अच्छा प्लेटफॉर्म देने का और चैम्पियनशिप देने का भी है। यदि प्रत्येक यूनिवर्सिटी यह लक्ष्य लेकर चले कि कितने मेडल उनको ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीतने हैं। ऐसे में हर किसी का सहयोग देश के लिए मेडल जीतने का हो सकता है। देशभर की यूनिवर्सिटी इसे पूरा करेगी।
खेलो इंडिया युवा प्रतिभाओं को मौका देने के लिहाज से एक बड़ा स्पोर्ट्स इवेंट है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में जो भी खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं वे वहां जाकर वहां पर उपलब्ध कराई गई तमाम सुविधाओं से बेहद खुश नजर आ रहे हैं। वहीं सरकार के द्वारा खेलों इंडिया स्कीम से लेकर तमाम प्रकार की स्कीम खिलाड़ियों और युवाओं के लिए शुरू की गई हैं उसको लेकर भी तमाम खिलाड़ी केंद्र सरकार को धन्यवाद दे रहे हैं।
जो खिलाड़ी नेशनल टूर्नामेंट खेलने के पश्चात इंटरनेशनल टूर्नामेंट नहीं खेल पाते उन खिलाड़ियों की प्रतिभाओं और खेलों के प्रति उनके जोश को बरकरार रखने के लिए केंद्र सरकार ने ”खेलो इंडिया” की शुरुआत की। खिलाड़ियों को इंटरनेशनल मैचों में खेलने के दौरान कई बार एक डर और भय होता है इसलिए उस डर को निकलने के लिए खिलाड़ियों को वे तमाम चीजें दी गईं जिससे उनका यह डर निकलेगा।
कितनी यूनिवर्सिटी के खिलाड़ी ले रहे भाग?
बता दें खेलो इंडिया गेम्स के दूसरे संस्करण में हिस्सा लेने के लिए देश भर की 208 यूनिवर्सिटीज से करीब 4,000 खिलाड़ी आए हैं। अपने आप में पूरा देश यहां एकत्रित हुआ है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के दौरान 20 खेलों की प्रतिस्पर्धाएं होंगी। इन खेलों में तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, मुक्केबाजी के मुकाबले होंगे। इसके अलावा तलवारबाजी, फुटबॉल, फील्ड हॉकी, जूडो, कबड्डी, निशानेबाजी के भी मुकाबले भी होंगे। साथ ही साथ तैराकी, टेनिस, टेबल टेनिस, वॉलीबॉल, भारोत्तोलन, कुश्ती, कराटे के भी मुकाबले होंगे। इन खेलों में कुल 257 स्वर्ण पदकों पर खिलाड़ियों की नजर होगी।
कहा हो रहा है खेलों का आयोजन
वहीं मल्लखंभ और योगासन को इस बार खेलों में शामिल किया गया है। इस बार बेंगलुरु में 5 स्थानों पर खेलों का आयोजन हो रहा है। यूनिवर्सिटी गेम्स के पहले संस्करण की विजेता पंजाब यूनिवर्सिटी की टीम रही थी। कर्नाटक सरकार और खेल प्राधिकरण के सौजन्य से यह आयोजन हो रहा है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स देश का सबसे बड़ा खेल आयोजन है।
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में पर्यावरण सुरक्षा पर विशेष ध्यान
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में पर्यावरण सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है। इसलिए इस आयोजन के दौरान जीरो प्लास्टिक की बात है यानि खेलों के दौरान प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम किया जाएगा। वहीं खिलाड़ियों के लिए बैटरी चालित बसें ही इस्तेमाल की जाएंगी और इस प्रकार की चीजें इस्तेमाल हो रही हैं, जिन्हें री-यूज किया जा सकता है या कहा जाए कि एक तरीके से डी-ग्रेडेबल हुआ करती हैं, उस प्रकार की चीजों का इस्तेमाल हो रहा है तो यह अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है। इसे ”ग्रीन गेम्स” के रूप में एक प्रकार से देख जा रहा है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स प्रतिभागियों के लिए एक विशेष एप बनाया गया है। इसके जरिए किसी भी खिलाड़ी को जो सुविधा चाहिए, जहां जाना है वहां पर उन्हें क्या सुविधा मिलेगी और वहां पर कितना वक्त लगेगा और वहां कैसी तैयारी है इन तमाम जानकारियों के लिए एक विशेषतौर पर एप बनाया गया है। न सिर्फ खिलाड़ियों बल्कि उनके कोच को भी इसका लाभ मिलेगा। इसके अलावा जितने भी अधिकारी जो कि इस खेल आयोजन से जुड़े होंगे उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा।
अब पैसों के अभाव में भी पनपेगी खेल प्रतिभा
देश के छोटे-छोटे गांव, कस्बों और शहरों से निकलकर सामने आने वाले बहुत से खिलाड़ियों के पास पैसों का अभाव होता है। ऐसे में ये खिलाड़ी अपने भीतर की प्रतिभा को धार देने में असमर्थ होते हैं। इसलिए केंद्र सरकार ने खेलों इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के जरिए इन खिलाड़ियों को खेल से जुड़ी तमाम सुविधाएं प्रदान की ताकि ये अपनी स्किल्स को और बेहतर कर सकें और भविष्य में भारत के लिए विश्व स्तर पर मेडल जीत कर लाएं। केंद्र सरकार के प्रयासों से हो रहा यह इवेंट कोई साधारण इवेंट नहीं बल्कि इंटरनेशनल लेवल का ही खेल आयोजन है।
याद हो भारत ने ओलंपिक गेम्स के दौरान 7 मेडल और पैरा-ओलम्पिक में 19 मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा खेलों और खिलाड़ियों को दिए जा रहे प्रोत्साहन से ओलंपिक में मेडल की संख्या को और अधिक बढ़ाया जा सकता है।