अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक की जॉइंट कोरोना वैक्सीन फेज-3 ट्रायल में 95% असरदार साबित हुई है। कंपनी के मुताबिक, वैक्सीन उम्रदराज लोगों पर भी कारगर रही। इसके कोई सीरियस साइड इफेक्ट भी नहीं दिखे। फाइजर इसी साल वैक्सीन के 5 करोड़ डोज बनाने की तैयारी में है। कंपनी का कहना है कि वो एक दिन के भीतर ही जरूरी मंजूरी के लिए आवेदन करेगी।
अध्ययन के तहत अमेरिका और पांच अन्य देशों में करीब 44,000 लोगों को शामिल किया गया। एक और अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने भी कहा है कि इस महीने नियामक खाद्य और औषधि प्रशासन के पास आवेदन दाखिल करने की संभावना है। भारत कोरोना वायरस के टीके के क्लीनिकल परीक्षण में प्रगति को लेकर अमेरिकी बायोटेक कंपनी मॉडर्ना के साथ संपर्क में है और कंपनी ने कहा है कि इस टीके ने 94.5 प्रतिशत प्रभाव दिखाया है।
फाइजर का फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल 27 जुलाई को शुरू हुआ था। इसमें 43,661 लोग शामिल थे। इन्हें दो हिस्सों में बांटा गया था। पहले ग्रुप को प्लेसिबो यानी सलाइन वॉटर दिया गया और दूसरे ग्रुप को वैक्सीन दी गई। जब दोनों ग्रुप को मिलाकर कोरोना के शुरुआती 170 मामले सामने आ गए तो उनकी स्टडी की गई। स्टडी में पाया गया कि काेराेना से जूझ रहे 170 में से 162 मरीज ऐसे थे, जिन्हें प्लेसिबो दिया गया था। सिर्फ 8 मरीज ऐसे थे, जिन्हें वैक्सीन दी गई थी।
बता दें कि 16 नवंबर को अमेरिका की ही कंपनी मॉडर्ना ने घोषणा की थी कि उसकी प्रायोगिक वैक्सीन कोरोना वायरस का खात्मा करने में 94.5 फीसदी असरदार साबित हुई है। मॉडर्ना ने करीब 30 हजार प्रतिभागियों पर क्लीनिकल ट्रायल पूरा करने के बाद यह प्रतिक्रिया दी थी। मॉडर्ना के सीईओ स्टीफेन बैंसेल ने कहा था, ‘तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के अध्ययन से हमें सकारात्मक नतीजे मिले हैं और हमारी वैक्सीन कई गंभीर बीमारियों के साथ Covid-19 वैक्सीन को रोकने में कारगर साबित हो सकती है।’
WHO के कोविड-19 वैक्सीन लैंडस्केप के मुताबिक, इस समय दुनियाभर 212 वैक्सीन पर काम चल रहा है। इसमें भी 48 वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल्स में हैं और इसमें 11 वैक्सीन अंतिम स्टेज में यानी लार्ज-स्केल ट्रायल्स से गुजर रहे हैं।भारत में इस समय भारत बायोटेक के कोवैक्सिन और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल्स चल रहे हैं। इसके शुरुआती नतीजे दिसंबर-जनवरी में आने के संकेत मिल रहे हैं। यदि सब कुछ प्लान के मुताबिक हुआ तो अगले साल की शुरुआत तक यह वैक्सीन अप्रूव हो जाएंगी। जायडस कैडिला की बनाई वैक्सीन को लेकर भी अब तक अच्छे शुरुआती नतीजे आए हैं। इसके भी फेज-3 ट्रायल्स शुरू होने वाले हैं।