सीएससी के लोग बदल रहे हैं गाँव की तस्वीर, पटना में “आजादी का अमृत महोत्सव” कार्यक्रम में बोले श्रम मंत्री

आजादी के 75वें वर्षगांठ के अवसर पर पूरे देश में चल रहे ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ कार्यक्रम के अर्न्तगत आज पटना के दशरथ मांझी सभागार में सीएससी बिहार के तत्वावधान में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बिहार सरकार के श्रम, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जीवेश कुमार ने कहा कि सीएससी के लोग गाँव की तस्वीर बदलने का काम कर रहे है। वर्तमान में सीएससी के द्वारा 15 लाख ई श्रम का रजिस्ट्रेशन किया गया है। उन्होंने कहा कि आज के वर्तमान समय में सीएससी की भूमिका बहुत ही प्रासंगिक है। गाँव आत्मनिर्भर बन रहे है।

आगत अतिथियों का स्वागत करते सीएससी के राज्य प्रमुख संतोष तिवारी ने कहा कि सीएससी के वीएलई आज अपने पंचायत में डिजिटल क्रान्ति लाने का काम किया है। हमारे सभी सीएससी सेन्टर पर भारत सरकार की योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिए कार्य किया जा रहा है। राज्य में हो रहे पंचायत चुनाव में अपनी सक्रिय सहभागिता से लेकर गांव-गांव तक इनटरनेट सेवा पहूंचाने का कार्य हमारे वीएलई कर रहे है ।

बीबीएनएल के सीजीएम जीएस चतुर्वेदी ने घर तक फ़ाइबर योजना में सीएससी के कार्य पर अपने विचार व्यक्त किए और वीएलई बंधु को मार्गदर्शन भी दिया और आज़ादी के अमृत महोत्सव की शुभकामनाएँ भी दी।

कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के उपसचिव अमिताभ सिंह, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया, पटना जोन के एजीएम संजीव कुमार, पंजाब नेशनल बैंक, पटना जोन के डिप्टी ज़ोनल मैनेजर ने भी सम्बोधित किया।

समारोह का संचालन करते हुए वरीय प्रबंधक मुदित मणि ने कहा कि आज़ादी का अमृत महोत्सव आज पटना के दशरथ माँझी सभागार में बिहार के सभी ज़िलों से सीएससी संचालकों के द्वारा मनाया जा रहा है।सीएससी के द्वारा कई तरह के कार्य अमृत महोत्सव को ध्यान में रख कर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव के मायने को और संकल्प को सीएससी के द्वारा पुरा करने का प्रयास भी किया जा रहा है।

कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले वीएलई को सम्मानित भी किया गया। इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत में सीएससी गीत से किया गया।

समारोह के अन्त में सीएससी बिहार के शोभित यादव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। समारोह में मुख्य रूप से वीएलई और सीएससी ज़िला प्रबंधक और समन्यवक उपस्थित थें।

Related posts

Leave a Comment