समाज में मुश्किल के वक्त लोगों की सेवा करना ही सबसे बड़ी पूजा :पूजा चंद्रा

ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस कनार्टक ईकाई ने विधवा महिलाओं को दी राशन साम्रगी
बैंगलूरू, 24 जून ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) की कर्नाटक टीम ने जरूरतमंद विधवा महिलाओं के बीच राशन साम्रगी का वितरण कर मानतवा की मिसाल पेश की। कोरोना वायरस की दूसरी लहर को लेकर लाकडाउन के दौरान काम न मिलने से विधवा महिलाओं की आर्थिक हालत काफी खराब हो गई है। कई परिवारों को भोजन के संकट जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा था। संकट की इस घड़ी में उनकी सहायता के लिये ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस आगे आया है। अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस 23 जून के अवसर पर ऐसे परिवारों को राहत पहुंचाने के लिये उन्हें चिन्हित कर राशन वितरण किया गया।

इस काम में जीकेसी कर्नाटक ईकाइ महिला प्रकोष्ट की कार्यवाहक अध्यक्ष पूजा चंद्रा ने समाजसेवी एनटोनी जयासीलन के साथ मिलकर क्षेत्र में सर्वे किया, जिससे जरूरतमंद लोगों को सहायता मुहैय्या करायी जा सके। राहत सामग्री मिलने के बाद लोगों के चेहरे खिल उठे। जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद, प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन और सीएफओ निष्का रंजन के निर्देश पर जीकेसी कर्नाटक ईकाइ महिला प्रकोष्ट की कार्यवाहक अध्यक्ष पूजा चंद्रा के नेतृत्व में बैंगलूरू के कल्याण नगर मुहल्ला में गरीब एवं जरूरतमंद विधवा महिलाओं के बीच राशन, मास्क, सैनिटाइजर एवं अन्य खाद्य सामग्रियों का वितरण किया।

पूजा चंद्रा के साथ उनकी टीम में जीकेसी कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष डा: कुमार मानवेन्द्र , युवा प्रकोष्ट के सदस्य हर्ष, कुमार अनंत,प्रदेश उपाध्यक्ष रूपेश चंद्रा , प्रदेश् उपाध्यक्ष गौतम कुमार दास, महिला प्रकोष्ट की महासचिव श्रीमती मनिता प्रीतम, समेत अन्य शामिल थे। इस दौरान उन्होंने लोगों को कोरोना से बचाव के प्रति जागरुक भी किया। साथ ही संक्षम लोगों से जरूरतमंदों की मदद की अपील भी की। इस मुहिम में जीकेसी के दक्षिण भारत के जोनल प्रभारी आनंद सिन्हा, विनीत सक्सेना, प्रशांत और जीकीसी कर्नाटक की टीम का भी सहयोग मिला।

पूजा चंद्रा ने कहा हम सब यही चाहते है की इन महिलाओं का जीवन खुशियों से भरा रहे और वो अपनी जिदगी खुशी से जिए। एक खुशहाल जीवन बिताएं, हमेशा खुश रहें। उन्होंने कहा समाज में मुश्किल के वक्त लोगों की सेवा करना ही सबसे बड़ी पूजा है। इस तरह के आयोजन जो समर्थ लोग है सभी को मिलजुल कर करना चाहिये। उन्होंने कहा कि जीकेसी असहाय महिलाओं के विकास के लिए कटिबद्ध है।

इस अवसर पर जीकेसी के दक्षिण भारत के जोनल प्रभारी आनंद सिन्हा, ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी का असर सबसे ज्यादा गरीब परिवारों पर पड़ रहा है। इसी को देखते हुए गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बीच राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि गरीबों की सेवा मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म है। हर सामर्थ्‍यवान लेगों को इस दिशा में आगे आने की जरूरत है। यदि अन्‍य लोग मानवता की सेवा के लिए आगे आए तो गरीबों का दुख कम होगा। जीकेसी आगे भी लोगों की हर संभव मदद करने के लिए तैयार हैं। उनकी टीम लगातार जरूरतमंद लोगों की मदद कर रही है जो लगातार जारी रहेगी।

डा: कुमार मानवेन्द्र ने बताया कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में समाज के मध्यम और गरीब वर्ग के लोगों के बीच भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई है। जीकेसी गरीब असहायों और जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे हैं। जरूरतमंद लोगों को चिह्नित कर मदद करने की आवश्यकता है। जीकेसी ऐसे लोगों की पहचान करा रहा है। जरूरतमंद लोगों की सूची तैयार कराई जा रही है। गरीब, असहाय लोगों को राशन सामग्री घर पर पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में भी सामाजिक संगठनों से आग्रह है कि सभी आगे बढ़कर इस महामारी में जरूरतमंद, असहाय की मदद करें जिससे कोई भी गरीब इस महामारी में भूखा ना रहे। हमलोगों का कर्तव्य है कि इस कोरोना रूपी विपदा में जरूरतमंद की सेवा करें।

Related posts

Leave a Comment