पटना। साल 2019 लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार, वरीय पत्रकार और आर.टी.आई. कार्यकर्ता प्रभाष चन्द्र शर्मा ने बुद्धा कॉलोनी, पटना के थानेदार और विधि-व्यवस्था डीएसपी पर पद का दुरुपयोग करते हुए स्वयं एवं अपने परिवार को लगातार प्रताड़ित करने और जान को खतरा का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
श्री शर्मा ने आयोग को बताया कि वह एक समाज-सेवी, पत्रकार और आर.टी.आई. कार्यकर्ता है, और पिछले कई वर्षों से बिहार में भूमि-विवाद में प्रतिदिन हो रही हत्याएं और नरसंहार एवं पुलिस-रिफार्म के मुद्दे पर राज्य व देश के मुख्यमंत्री, डीजीपी और प्रधानमंत्री को शिकायत व सुझाव पत्र भेजते आ रहे हैं। जिसके लिए उन्हें पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रशंसा-पत्र भी निर्गत किया जाता है और मुख्यमंत्री के लोक-संवाद कार्यक्रम में सुझाव के लिए आमंत्रित किया जाता है।
श्री शर्मा ने आगे बताया कि राज्य, देश और जनहित में लिखे गए पत्रों और आर.टी.आई आवेदनों को स्पष्टीकरण और कारवाई हेतु स्थानीय थाना और विधि-व्यवस्था डीएसपी कार्यालय भेजा जाता है। श्री शर्मा ने बताया कि थाना और डीएसपी कार्यालय में बुलाये जाने पर वह स्वयं जाकर शिकायत और आर.टी.आई. आवेदनों के निबटारे में हर संभव सहयोग करते हैं इसके वावजूद उन्हें थानाध्यक्ष और डीएसपी द्वारा शिकायत व आर.टी.आई आवेदन नहीं लिखने का सुझाव दिया जाता है जिसे नहीं मानने पर पद का दुरुपयोग कर व करवाकर श्री शर्मा को लगातार परेशान किया जा रहा है।
प्रभाष चन्द्र शर्मा ने अपने द्वारा लगाये गए आरोपों के समर्थन में दो फेसबुक कमेंट का हवाला देकर आदतन असामाजिक तत्वों द्वारा थानेदार और डीएसपी के पास शिकायत व आर.टी.आई आवेदन नहीं लिखने का संकेत करते हुए थानेदार और डीएसपी के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त करने का जिक्र किया है।
प्रभाष चन्द्र शर्मा ने 05 नवम्बर 2019 में अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले में फटे हुए सिर और टूटे हुए पैर की विद्वेष की भावना से पुलिस द्वारा इंजुरी नहीं कराने का आरोप लगाया और आरोपियों को गिरफ्तारी पूर्व जमानत दिलाने में पुलिस द्वारा भरपूर सहयोग का भी आरोप लगाया और उपर्युक्त असामाजिक तत्वों द्वारा केस में समझौता का दबाव नहीं मानने पर आरोपियों द्वारा तीन दिनों के उपरांत फर्जी काउंटर केस करवा कर मामूली धाराओं में जांच-अधिकारी द्वारा गिरफ्तारी और आरोपित करने की धमकी दिलवाई गयी।
अगली घटना में वर्णित असामाजिक तत्वों द्वारा श्री शर्मा के घर-जमीन पर रंगदारी व कब्ज़ा की नियत से पुलिस की जानकारी के वावजूद उनके घर का दिवार तोड़ दिया गया। तीसरी घटना में श्री शर्मा के लड़की व बुजुर्ग महिला किरायेदार पर 23-05-2020 को रात्रि ग्यारह बजे महिला असुरक्षा की नियत से सात-आठ लफंगों द्वारा ईंट-पत्थर से हमला किया गया जिसकी आजतक एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गयी है ।
प्रभाष चन्द्र शर्मा ने घटना की निरंतरता और भयावहता के अलोक में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से अपने जान-माल की खतरा को दर्शा कर बुद्धा कॉलोनी थानेदार और विधि-व्यवस्था डी.एस.पी, पटना को आरोपित करते हुए सनहा / एफआईआर दर्ज करने व निष्पक्ष जांच की मांग की है।
मानवाधिकार में दर्ज शिकायत का लिंक :-