अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वाले इस देश में स्वतंत्र पत्रकार भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. भारत सरकार ऐसे पत्रकारों के लिए भी सोच रही है और उन्हें कई दशकों से पत्रकार मानते आ रही है.देश के विभिन्न पत्रकार संगठन और झारखंड ही नहीं राज्य के विभिन्न सूचना एवं जनसंपर्क विभागों द्वारा भी स्वतंत्र पत्रकार की अलग-अलग तरह से व्याख्या की गई है.उक्त बातें AISMJW एसोसिएशन के बिहार झारखंड प्रभारी प्रीतम सिंह भाटिया ने आज एसोसिएशन की कार्यशाला में कहीं.उन्होंने कहा कि पत्रकार छोटा या बड़ा नहीं होता ना ही पत्रकार किसी हाउस का होता है पत्रकार सिर्फ पत्रकार होता है.अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और डिजिटल क्रांति वाले इस देश में फेसबुक, टि्वटर,न्यूज़ पोर्टल,छोटी बड़ी पत्र-पत्रिकाएं,यूट्यूब न्यूज़ चैनल और अनेक ऐसे साधन उत्पन्न हुए हैं जिससे पत्रकार अपनी पहचान तो बना ही रहा है साथ ही साथ उसकी खबरों पर आंदोलन भी हो रहा है.ऐसे में देश की सरकार और विभिन्न पत्रकार संगठनों ने भी डिजिटल क्रांति के इस युग के पत्रकारों को स्वतंत्र पत्रकार के रूप में भी स्वीकार किया है.इसलिए स्वतंत्र पत्रकार का दायरा सीमित नहीं बल्कि पहले से भी ज्यादा बढ़ा हुआ है.अब यह जरूरी नहीं है कि किसी बड़े हाउस से जुड़ा हुआ व्यक्ति ही पत्रकार माना जाएगा बल्कि पत्रकार और पत्रकारिता के दायरे को समझने की आवश्यकता है. हम एसोसिएशन में ऐसे स्वतंत्र पत्रकार साथियों का भी स्वागत करते हैं जो अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग समाजहित में कर रहे हैं.
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