पटना। पटना नगर निगम की डिप्टी मेयर मीरा देवी के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव में मीरा देवी फेल हो गयी। एक सप्ताह पूर्व डिप्टी मेयर के खिलाफ 29 पार्षदों ने मीरा देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद पार्षदों के जोड़ तोड़ का सिलसिला भी चला लेकिन तमाम जोड़ तोड़ के बावजूद मीरा इस अविश्वास प्रस्ताव में फेल हो गयी।डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में 58 पार्षदों ने हिस्सा लिया। कुल 40 मत वैध पाए गए जिसमें 38 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में, 2 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के विपक्ष में मतदान किए। 14 पार्षदों का मत अवैध पाया गया। वार्ड संख्या 28 के पार्षद विनय कुमार पप्पू तथा वार्ड संख्या 29 की पार्षद अर्चना राय ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। बांकीपुर अंचल कार्यालय में मेयर सीता साहू ने डिप्टी मेयर मीरा देवी के खिलाफ आरोप पत्र पढ़ा उसके बाद डिप्टी मेयर के विरोध में तथा डिप्टी मेयर के पक्ष में पार्षदों ने अपने विचार रखे।
डिप्टी मेयर के विरोध में बोलते हुए सशक्त स्थायी समिति के सदस्य डा आशीष कुमार सिन्हा ने कहा कि आउटसोर्सिंग के मुद्दे पर डिप्टी मेयर हमेशा सदन को गुमराह करती रही। डिप्टी मेयर रहते हुए वे हमेशा अपने कैबिनेट सदस्यों पर आरोप लगाती रही। योजना के मुद्दे पर पार्षदों को गुमराह करते रहे। निगम की छवि को धूमिल करने के लिए मीडिया में अनर्गल बयानबाजी भी करते रहे। डा सिन्हा ने कहा कि पटना नगर निगम क्षेत्र की जनता काम से खुश है लेकिन कुछ लोग निगम को बदनाम कर रहे हैं।
वहीं डिप्टी मेयर के विरोध में बोलते हुए सशक्त स्थायी समिति सदस्य इन्द्रदीप चंद्रवंशी ने भी कहा कि किसी भी कैबिनेट में विपक्ष की भूमिका निभाने वाले लोग रहेंगे तो कैसे विकास हो सकता है। उदाहरण देते हुए इन्द्रदीप ने कहा कि अगर नीतीश जी के कैबिनेट में विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव रहेंगे तो कैसे विकास हो सकता है। पिछले दो साल से नगर निगम की गाड़ी का एक चक्का पंक्चर हो गया है जिसे बदलना जरुरी था। पिछले चार साल में पटना नगर निगम में भी तरक्की हुयी है।
वहीं डिप्टी मेयर के समर्थन में बोलते हुए पार्षद विनय कुमार पप्पू ने कहा कि आउटसोर्सिंग के खिलाफ मैने कहा था। सरकार की गलत नीति के खिलाफ हम हमेशा लडऩे को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मेयर की अनुपस्थिति में डिप्टी मेयर का काम शुरु होता है। कौन सा काम आपने दिया जो डिप्टी मेयर ने नहीं किया। अगर डिप्टी मेयर की अनुशंसा पर गलत निकासी की गयी तो आप भी दोषी है। उन्होंने कहा कि पहली बार किसी महापौर के उपर भ्रष्टाचार आरोप लगा। डिप्टी मेयर ने कौन सा अनर्गल आरोप मेयर के उपर लगाया है। मीरा देवी ने अपने वक्तव्य में कहा कि मैनें किसी तरह पद का दुरुपयोग नहीं किया है। सरकार द्वारा आउटसोर्सिंग का आदेश गलत दिया गया है। यह मेयर की मनमानी करने के लिए है ताकि समय समय पर आउटसोर्सिंग एजेंसी को हटाते रहे। इससे डिप्टी मेयर का कोई संबंध नहीं है। निगम बोर्ड का निर्णय अगर सरकार नहीं मानती है तो मेयर को समझना चाहिए कि कहां कमी है।
श्वेता / पटना