पटना। पटना नगर निगम मेयर पद के लिए 20 अक्टूबर को मतदान होना है। नामांकन की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद से हीं चुनाव प्रचार अभियान जोरों पर है। 30 सितंबर को प्रत्याशियों को सिंबल मिलेंगे।
उससे पहले हीं सभी प्रत्याशी पटना में वोटरों को अपने पक्ष में गोलबंद करने में लगे हुए है। पति और पुत्रों के नाम पर चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों की चहल कदमी कुछ ज्यादा दिख रही है। खुद के साथ पति भी पूरी जोर आजमाइश में लगे हैं। इन्हीं सब के बीच कुछ ऐसे भी प्रत्याशी हैं जो अपने पति या पुत्र की जगह खुद के नाम और काम की वजह से चुनावी समर में उतरे हैं। इन प्रत्याशियों में जिनकी चर्चा सबसे ज्यादा है उनमें सबसे महत्वपूर्ण नाम है डॉ रत्ना पुरकायस्थ का।
डॉ रत्ना पुरकायस्थ को पटना के एक बड़े प्रबुद्ध वर्ग का साथ मिल रहा है। महिलाओं और छात्राओं के लिए डॉ रत्ना रोल मॉडल के रूप में जानी जाती हैं। वाहनों की लंबी कतारों की जगह कलाकारों और रोजमर्रा की जिंदगी में कमाने खाने वाले लोगों के साथ अपना नामांकन भरने गई डॉ रत्ना की भीड़ स्वतः स्फूर्तः दिख रही थी। डॉ रत्ना की पहचान और सम्मान मीडिया के एक बड़े वर्ग में भी है। जिस वक्त लड़कियां कॉलेज जाने में हिचकिचाती थीं उस वक्त रत्ना मीडिया की पढ़ाई कर रही थीं।
डॉ रत्ना की पटना के प्रबुद्ध वर्ग में अच्छी खासी पकड़ है। इनके पति के बारे में शायद बहुत कम लोग जानते हैं। सूत्रों के मुताबिक वे भारत सरकार के अधिकारी के तौर पर बिहार के बाहर कहीं पोस्टेड हैं। इसके अलावे रत्ना की मजबूती पटना के साढ़े छह लाख कायस्थ मतदाता भी हैं।
रत्ना के साथ घूम रहे लोगों ने एक बड़ी बात बताई कि वे जिस क्षेत्र में घूम रही हैं उस क्षेत्र में कोई न कोई ऐसी महिला मिल रही है जिसे कभी न कभी कहीं न कहीं डॉ रत्ना से रोजगार या अन्य विषयों में उन्हें मदद मिली हो। ऐसे लोग उनके साथ गोलबंद हो रहे हैं। डॉ रत्ना की पकड़ कायस्थ के अलावे अन्य जातियों में भी काफी है।
डॉ रत्ना को सिर्फ पटना की महान जनता पर भरोसा है, जो उन्हें इस बार जरूर मौका देगी। उनका कहना है कि पिछले कई सालों से महिला मेयर होने के बावजूद भी बुनियादी समस्याएं ज्यों की त्यों है। आज भी शहर में किसी महिला को शौच लग जाए तो उसे काफी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले शहर की बुनियादी समस्याओं को दूर करेंगी। सड़क बिजली पानी जैसी बुनियादी समस्याओं के लिए मोहल्ला वार्ड कमेटियों का गठन भी करेंगी। जलजमाव वाले इलाकों में जल निकासी की व्यवस्था करने को बात भी की।
डॉ रत्ना पटना दूरदर्शन की निर्देशिका रह चुकी हैं। इसलिए जानकार बताते हैं कि ईमानदार अफसर के रूप में ख्याति प्राप्त डॉ रत्ना को अफसरों को हैंडल करना, प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत रखना सहित भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना इनके लिए काफी आसान होगा।
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