पटना। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने पटना नगर निगम के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना के समय विपरीत परिस्थितियां आने पर जहां पुत्र पिता के शव को भी नहीं छू रहे थे उस समय में पटना नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने एक मिसाल पेश करते हुए शवों का अंतिम संस्कार किया है। इसके साथ ही उस समय गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी करवाना एवं स्लम के विकास के लिए जागरूकता कार्यक्रम करना अपने आप में एक अनूठा पहल है जो कि पटना नगर निगम को एक अलग पहचान देता है। पटना नगर निगम सभी नगर निकायों के लिए एक आदर्श निगम के रूप में छवि बनाया है।
वहीं स्वछांगिनी बहनों के बढ़ते कदम को देखते हुए पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने महिलाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि इस तरह के काम में बढ़ चढ़ कर महिलाओं का हिस्सा लेना बदलाव को दर्शाता है। यह पटना नगर निगम की एक ख्याति है जो इस प्रकार की महिलाओं को गरिमापूर्ण परिवेश उपलब्ध करवाया जा रहा है। छोटी छोटी योजनाएं आगे जाकर एक बड़े विकास को लाएंगी। ये महिलाएं प्रेरणा स्रोत है।
विधायक अरुण सिन्हा ने कहा कि एक अलग तरह की सोच और मशीनीकृत सफाई से न सिर्फ उनकी सुरक्षा होगी बल्कि उनके गौरव और सम्मान की रक्षा होगी।
नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने बताया कि पटना नगर निगम को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के साथ-साथ सफाई कर्मियों के स्वास्थ्य एवं उनके सम्मान पूर्वक जीवन के लिए मशीनें कृत सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके लिए हम लगातार ना सिर्फ मशीनों की खरीदारी कर रहे हैं बल्कि कर्मचारियों उसका प्रशिक्षण देकर पूरी तरह से मैनुअल नाला सफाई को खत्म कर मेकेनाइजड सफाई की पहल की जा रही है। महिलाओं के उत्थान और विकास के लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
मेयर सीता साहू ने कहा कि पटना नगर निगम का काम केवल शहरीकरण नहीं है। मेयर होने के नाते मैं यह चाहती हूं कि महिलाओं को सम्मान पूर्वक रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं। खासकर सफाई कर्मियों एवं उनके परिवारजनों का विकास किए बिना हम पटना के विकास की कल्पना नहीं कर सकते हैं।
डिप्टी मेयर रजनी देवी ने कहा कि पटना के विकास में सफाईकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है इसलिए महिलाओं के विकास एवं उनके उत्थान पर हमारा विशेष जोर है। महिलाओं के विकास से ही पूरे परिवार और समाज का विकास होगा। यूएनएफपीए के नदीम नूर ने कहा कि पटना में महिला आश्रम की यह पहल अनूठी है इससे पटना नगर निगम का नाम अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है यह छोटा सा प्रयास आने वाले कल के लिए एक बड़ी पहल के रूप में नजर आएगा।
यूएनएफपीए के बृजवाड़ा विल्सन ने कहा कि जब तक हम स्लम या मलिन बस्तियों के कांसेप्ट को स्मार्ट नहीं बनाएंगे तब तक कोई शहर स्मार्ट नहीं बन सकता है। मलीन बस्तियों की जगह स्मार्ट बस्तियां कहलाए एवं इसके निवासी भी अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझें जिसके बाद ही स्लम का विकास संभव है। मशीनों की सहायता से समूह के सदस्यों द्वारा पटना नगर निगम क्षेत्र में सेप्टिक टैंक, मैनहोल की सफाई सेवा उपलब्ध करायी जाएगी और जीविकोपार्जन किया जाएगा। महिलाओं को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस परियोजना के तहत पटना नगर निगम एवं संयुक्त राष्ट्रीय जनसंख्या प्रकोष्ठ की साझेदारी में अन्य कार्य किए जा रहे है।
श्वेता / पटना