मधुबनी(बिहार); 19-03-2023…
हलाल सर्टिफिकेशन गैर मुस्लिमों पर लादा ‘जजिया कर’ जैसा; सभी गैर मुस्लिम बहिष्कार करे- हिन्दू जनजागृति समिति
उत्तर बिहार के मधुबनी जिला में समानांतर हलाल अर्थव्यवस्था से होने वाले खतरे के प्रति लोग सचेत होने लगे हैं। इसी कड़ी में डीएनवाई कॉलेज के पास हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आज “हलाल सर्टिफिकेशन : एक भारत विरोधी षड्यंत्र” विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में हिन्दू जनजागृति समिति के विश्वनाथ कुलकर्णी जी ने भारत सरकार के प्रमाणीकरण सर्टिफिकेट होते हुए भी इस्लामी निजी संस्था के ‘हलाल सर्टिफिकेट’ की आवश्यकता क्यों है, यह प्रश्न उपस्थित किया। आज यह हलाल अर्थव्यवस्था भारत में समानांतर अर्थव्यवस्था बनी है, जो भारत राष्ट्र और सभी गैर मुस्लिमों के लिए भविष्य में बहुत ही खतरनाक साबित होने वाला है और इसका प्रमाण दिख भी रहा है। इस संकट को रोकने हेतु भारत को हलालमुक्त करना आवश्यक है।
श्री कुलकर्णी ने आगे बताया कि आज हलाल अर्थव्यवस्था दो ट्रिलियन डॉलर से अधिक का बन चुका है और इसके द्वारा कई बार आतंकवाद, धर्मांतरण, राष्ट्र को अस्थिर करने और कई अन्य संदिग्ध गतिविधियों को फंडिग की जा रही है। पिछले कुछ समय से भारत में ‘हलाल’ की मांग की जा रही है और हिंदू व्यापारियों को व्यापार करने के लिए ‘जमीयत-उलेमा-ए-हिंद’ जैसे संस्थाओं से ‘हलाल प्रमाणपत्र’ लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है। जब उत्पादों को प्रमाणित करने के लिए भारत सरकार के आधिकारिक संगठन ‘एफएसएसएआई’(FSSAI) और ‘एफडीए’(FDA) हैं ही, तो अलग से प्राइवेट मुस्लिम संस्था द्वारा ‘हलाल प्रमाणीकरण’ की आवश्यकता व वैध्यता क्या है?
‘हलाल सर्टिफिकेट (प्रमाणपत्र)’ के द्वारा इस्लामी अर्थव्यवस्था अर्थात ‘हलाल इकॉनॉमी’ को, धर्म(दरअसल इस्लामिक मजहब) का आधार होते हुए भी बहुत ही चालाकी के साथ सेक्युलर भारत में लागू किया जा रहा है। यह हलाल प्रमाणपत्र केवल मांस तक सीमित न रहकर सभी खाद्य पदार्थ, सौंदर्य प्रसाधन, औषधियां, अस्पताल, होटल, पर्यटन, गृहस्थी से संबंधित आस्थापन और मॉल के लिए भी आरंभ हो गया है। भविष्य में यह व्यापारी, उद्योगपतियों, समाज तथा राष्ट्र के लिए बड़ा संकट हो सकता है, इस पर विचार करना अत्यंत आवश्यक है। प्रत्येक राष्ट्रभक्त नागरिक का कर्तव्य है कि वह हलाल अर्थव्यवस्था के खतरों को समझें तथा इसका विरोध करें और भारत का भविष्य सुरक्षित बनाने में सहयोग दें।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि समय-समय पर निरंतर छोटे छोटे समूह और विभिन्न पेशा वर्गों के बीच जागरुकता अभियान चलाया जाय। इस चिंतन कार्यक्रम में हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तर प्रदेश एवं बिहार प्रदेश समन्वयक विश्वनाथ कुलकर्णी, उत्तर बिहार प्रांत सम्पर्क टोला सदस्य दिगंबर तिवारी, अधिवक्ता सुमन कुमार, मधुबनी अधिवक्ता परिषद् के कोषाध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह, अधिवक्ता उमा शंकर ठाकुर, अधिवक्ता बीरभद्र चौधरी, संतोष पासवान, विश्व हिंदू परिषद के मधुबनी जिला कोषाध्यक्ष आलोक यादव, युवा हिंद ट्रस्ट के हेमंत कुमार सिंह, पत्रकार सह धार्मिक-सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष सिंह यादव, अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद् के इकाई महामंत्री अधिवक्ता रत्नेश्वर चौधरी, सोनू निशांत, पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह शामिल हुए और सभी ने अपने सुझाव दिए।
मधुबनी से सुभाष सिंह यादव की रिपोर्ट।