माले नेता प्रेम कुमार झा ने कहा कि पंचायतों का कार्यकाल नहीं बढ़ाने का निर्णय आत्मघाती साबित होगा, यदि कार्यकाल बढ़ाने का नियम नहीं था तो सरकार को अध्यादेश ला सकती थी।
मधुबनी जिले के मालेनगर अबस्थित भाकपा(माले) के जिला कार्यालय में माले नेता बिशंभर कामत की अध्यक्षता में कोरोना प्रोटोकॉल को बनाये रखते हुए धरना दिया गया।
संचालित प्रतिवाद धरना को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) जिला कमिटी सदस्य सह किसान महासभा के जिला सचिव प्रेम कुमार झा ने कहा कि पंचायतों को भंग किए जाने के सरकार के निर्णय गलत व आत्मघाती है। इस निर्णय की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि बिहार की जनता की मांग को सरकार ने अनसुना किया है, और नीतीश कुमार केंद्र सरकार की तरह तानाशाही चला रहे हैं। जनप्रतिनिधियों की भूमिका को कम करना इस भयावह दौर में पूरी तरह गलत है।
प्रतिवाद धरना को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) के रहिका प्रखंड माले सचिव अनिल कुमार सिंह ने कहा कि कोविड के प्रति जागरूरकता अभियान में पंचायत प्रतिनिधियों के अनुभव का बेहतर इस्तेमाल हो सकता था, लेकिन सरकार ने इसपर तनिक भी ध्यान नहीं दिया। यदि पंचायतों के कार्यकाल बढ़ाने का कोई नियम नहीं था, तो क्या सरकार अध्यादेश नहीं ला सकती थी। दरअसल, सरकार की मंशा ही गलत थी।
प्रतिवाद धरना को खेग्रामस के जिला सचिव बेचन राम, गुड्डू मंडल, हरी कामत ने भी संबोधित किया, जबकि एक दर्जन माले कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।