आज दुनियाभर में पर्यावरण की हालत बहुत खराब हो गई है।प्लास्टिक और पॉलीथीन ने वातावरण को सबसे ज्यादा प्रदूषित कर रखा है।
आज जो प्लास्टिक लोगों के जीवन के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदेह बन गया है. सालों पहले इसका अविष्कार लोगों की जिंदगी को आसान बनाने के लिए किया गया था. प्लास्टिक के जनक लियो बैकलैंड हैं, जिन्होंने 43 साल की उम्र में फिनॉल और फार्मल डीहाइड नामक रसायनों पर प्रयोग के दौरान एक नए पदार्थ की खोज की. उन्होंने अपने प्रयोग के दौरान पहला कम लागत वाला कृत्रिम रेसिन बनाया जो दुनिभार में अपनी जगह बनाने वाला प्लास्टिक बना. देश में प्लास्टिक 60 के दशक में चलन में आया. प्लास्टिक आने के बाद से ही इसके अच्छे या बुरे परिणाम को लेकर बहस शुरू हो गई थी.
कितनी खकरनाक है प्लास्टिक
प्लास्टिक सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए नुकसानदेह है. यह बनने से लेकर यूज होने तक काफी बुरा प्रभाव छोड़ती है. दरअसल प्लास्टिक का निर्माण पेट्रोलियम से प्राप्त रसायनों के होता है और ऐसा माना जाता है कि इससे निकली जहरीली गैस सेहत के लिए काफी नुकसानदेह होती है. प्लास्टिक पानी को भी प्रदूषित करती है. इससे उत्पादन के दौरान व्यर्थ पदार्थ निकलकर जल स्रोतों में मिलकर जल प्रदूषण का कारण बनते हैं.
ये आएंगे प्रतिबंध के दायरे में
– 50 माइक्रोन से कम की पॉलीथिन
– पॉलीथिन में बंद पानी पैकेट
– 200 एमएल की बॉटल्स
– सिंगल यूज डिस्पोजल सामान
– प्लास्टिक के डिस्पोजल डिब्बे व स्ट्रा
– प्लास्टिक व थर्माकोल की डेकोरेशन में प्रयोग सामान