पाकिस्तान के एक मंत्री फवाद चौधरी ने पाकिस्तान की संसद में बयान देते हुए माना कि पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए हमले में पाकिस्तान का हाथ था. उन्होंने कहा कि पुलवामा हमला पाकिस्तान की कामयाबी है. फवाद चौधरी ने पुलवामा हमले का श्रेय इमरान खान और उनकी पार्टी PTI को दिया. उन्होंने कहा कि पुलवामा हमला इमरान खान के लिए एक उपलब्धि है. इससे इस्लामाबाद दुनिया के सामने एक नई मुसीबत में फंस सकता है। पाकिस्तान लगातार आतंकी वारदातों को अंजाम देता रहा है, लेकिन इस तरह खुलकर वह कबूल करने से खुद को परहेज करता रहा है।
केन्द्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ वी.के. सिंह ने पाकिस्तानी मंत्री के पुलवामा हमले पर दिए बयान को अच्छा बताते हुए कहा कि यह बेहतर है कि उसने खुद ही हमले के बारे में कबूल कर लिया है। उन्होंने कहा- “सरकार शुरू से ही यह कहती रही है कि सभी संकेत पाकिस्तान की ओर जा रहे हैं। यह अच्छा है कि पाकिस्तान ने खुद कबूल कर लिया है। मैं आश्वस्त हूं कि हमारी सरकार इस कबूलनामे का इस्तेमाल कर दुनिया को बताएगी ताकि उसे एफएटीएफ में ब्लैकलिस्ट किया जा सके।”
गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों की बस पर घात लगाकर हमला किया गया था। इस घटना में 40 अर्धसैनिक बलों के जवान शहीद हुए थे। इसके बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना के जवानों ने इसके जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में आधी रात को हमला कर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण शिविर को ध्वस्त कर दिया था। इससे बौखलाए पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में भारत पर जवाबी कार्रवाई की कोशिश की। लेकिन उसके सभी मंसूबों को भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया गया।
जम्मू कश्मीर में पुलवामा हमला मामले में कबूलनामा करने के बाद पाकिस्तान अब उससे पलटता दिखाई दे रहा है. पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि उन्होंने पिछले साल 26 फरवरी को भारत की ओर से हुई एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के मजबूत रिस्पांस के संबंध में बात कही थी. जिसे गलत समझ लिया गया.
फवाद चौधरी ने कहा कि पुलवामा में पिछले साल दो वाक्ये हुए थे. एक 4 फरवरी को और दूसरा 26 फरवरी को हुआ था. फवाद ने दावा किया कि उन्होंने संसद में जिस घटना का जिक्र किया था, वह 26 फरवरी की थी. जब हिंदुस्तान ने पाकिस्तान की सीमा में घुसने की जुर्रत की थी और उसके बाद उनके देश ने मुंहतोड़ जवाब दिया था. फवाद ने कहा कि 14 फरवरी को पुलवामा में जो हुआ, वह निश्चित तौर पर दहशतगर्दी थी.