पहली बार युद्धाभ्यास करने जा रहे भारत-सऊदी अरब, मजबूत रक्षा और सहयोग संबंधों के नतीजे आने लगे नजर

भारतीय और सऊदी अरब की सेनाएं ​पहली बार ​​​संयुक्त ​​द्विपक्षीय अभ्यास करेंगी। बता दें इतिहास में इन दोनों देशों के बीच यह पहला युद्धाभ्यास होगा। इससे पहले सऊदी अरब अपनी सेना को युद्ध की बारीकियां सिखाने के लिए पाकिस्तान और अमेरिका के भरोसे रहता था। जानकारी के मुताबिक अगले वित्त वर्ष में होने वाले ​​अभ्यासों के लिए ​​भारतीय सेना ​​​​सऊदी अरब की यात्रा करेगी।​

2020 के ​दिसम्बर में सेना प्रमुख जनरल ​नरवणे ने सऊदी अरब का किया था दौरा

गौरतलब हो ​2020 के ​दिसम्बर में भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम.एम. ​नरवणे ने सऊदी अरब का दौरा किया था। यह पहली बार था जब किसी भारतीय सेना प्रमुख ने ​भारत और ​सऊदी अरब के बीच बढ़ते संबंधों का एक स्पष्ट संकेत पश्चिम एशियाई देश का दौरा ​​किया था।​ ​

द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के मुद्दे पर हुई थी चर्चा

अपनी सऊदी अरब यात्रा के दौरान सेना प्रमुख ने रॉयल सऊदी लैंड फोर्स के मुख्यालय, संयुक्त बल कमान मुख्यालय और किंग अब्दुल अजीज सैन्य अकादमी का दौरा किया था।​ उन्हें रॉयल सऊदी लैंडफोर्स के मुख्यालय में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने रॉयल सऊदी के कमांडर जनरल फहद बिन अब्दुल्ला मोहम्मद अल-मुतीर से भी मुलाकात करके द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के मुद्दे पर चर्चा की। इसके बाद उन्होंने संयुक्त बल सऊदी अरब के लेफ्टिनेंट जनरल मुतलाक बिन सलीम बिन अल-अजीमा कमांडर के साथ बातचीत की और रक्षा सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया। जनरल नरवणे के साथ गए प्रतिनिधिमंडल और उनकी पत्नी वीना नरवणे ने भी ऑल वीमेन सेंटर रियाद सऊदी अरबिया का दौरा किया। उनकी इस यात्रा से रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग के नए रास्ते खुलने की उम्मीद ​जताई गई थी​।​​​

भारत को ‘विज़न 2030’ के तहत किंगडम के रणनीतिक साझेदार देशों में से एक के रूप में मिली नई पहचान

सऊदी अरब भारत को ‘विज़न 2030’ के तहत किंगडम के रणनीतिक साझेदार देशों में से एक के रूप में पहचान देता है।​ ​पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच जुड़ाव बढ़ा है। 2019 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ​सऊदी अरब यात्रा के दौरान रणनीतिक साझेदारी परिषद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। फरवरी 2019 में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने नई दिल्ली का दौरा किया था। ​इस ​यात्रा के दौरान ​प्रिंस ने भारत में 100 बिलियन ​अमेरिकी डॉलर मूल्य के निवेश की घोषणा की​ थी​​​।​ दोनों देशों के बीच घनिष्ठ हो रहे संबंधों के नतीजे अब ​​भारतीय और सऊदी अरब की सेना​ओं के ​पहली बार ​​​संयुक्त ​​द्विपक्षीय अभ्यास​ करने का कार्यक्रम बनने से दिखने लगे हैं​।​​ ​

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