‘बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी इंशा अल्लाह’- असदुद्दीन ओवैसी

नई दिल्ली: 

अयोध्या  में श्रीराम मंदिर  के भूमि पूजन से कुछ घंटे पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी  ने जमकर जहर उगला. ओवैसी ने अयोध्या में मंदिर निर्माण के फैसले को बहुसंख्यक तुष्टिकरण बताते हुए विरोध जताया. 1528 में अयोध्या में मुगल सम्राट बाबर ने मस्जिद की नींव रखी थी, जिसे 1992 में 6 दिसंबर के दिन राम मंदिर आंदोलन के तहत कारसेवकों ने मस्जिद पर चढ़कर इसकी गुंबद गिरा दी थी. ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी इंशा अल्लाह. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मसले पर आए फैसले के बाद से ही असदुद्दीन ओवैसी अलग- अलग मौकों पर अपनी नाराजगी जताते रहे हैं. ओवैसी के मुताबिक एक बार जहां पर मस्जिद तामीर हो जाती है. वो हमेशा मस्जिद ही रहती है. उसमें कभी भी किसी तरह का बदलाव नहीं लाया जा सकता.

‘ओवैसी ने पिछले कुछ दिनों में भूमि पूजन की खबरों पर लगातार अपना विरोध जताया है. पिछले हफ्ते उन्होंने बाबरी विध्वंस के लिए कांग्रेस को भी जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था कि ‘जिसका हक़ बनता है, उसे क्रेडिट दिया जाना चाहिए. आखिर वो राजीव गांधी ही थे, जिन्होंने बाबरी मस्जिद का ताला खोला था और वो पीवी नरसिम्हा राव ही थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए ये पूरा विध्वंस देखा था. कांग्रेस संघ परिवार के साथ विध्वंस के इस अभियान में हाथ में हाथ डाले खड़ी रही.’

श्री अयोध्या तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जब मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए 5 अगस्त की तारीख तय कर दी तो असदुद्दीन ओवैसी एक बार फिर सक्रिय हो उठे. ओवैसी ने भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिस्सा लेने पर भी सवाल उठाए थे. उनके अनुसार भारत एक सेक्युलर देश है और यहां पर संवैधानिक पद पर बैठा कोई भी व्यक्ति किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकता. ओवैसी का कहना था कि ऐसा करने से देश का संविधान खतरे में पड़ जाएगा. उनकी अपील पर  सरकार ने कोई गौर नहीं किया और पीएम का अयोध्या का कार्यक्रम फाइनल हो गया. इससे भड़के ओवैसी ने भूमि पूजन से कुछ घंटे पहले जहर उगलते हुए बाबरी मस्जिद के लिए एक बार फिर अपना प्रेम दिखाया. ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद थी, है और हमेशा रहेगी इंशाअल्लाह.

 

 

 

 

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