देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार हर संभव कोशिश में लगी है। इसी के तहत किसान रेल के माध्यम से कृषि उपज को भेजने या परिवहन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रेलवे मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने भारतीय रेलवे की ऑपरेशन ग्रीन्स- टॉप टू टोटल योजना चलाई जा रही है।
क्या है ऑपरेशन ग्रीन्स- टॉप टू टोटल-
ऑपरेशन ग्रीन्स योजना टॉप टू टोटल ऐसे अधिसूचित फलों और सब्जियों के परिवहन और भंडारण में 50 प्रतिशत सब्सिडी मुहैया कराती है जिनकी कीमत उत्पादन लागत (ट्रिगर प्राइस)से भी कम हो। किसान समेत कोई भी व्यक्ति किसान रेल के जरिए किसी भी अधिसूचित फलों और सब्जियों की फसल का परिवहन कर सकता है। रेलवे इन फलों और सब्जियों के परिवहन पर मात्र 50 प्रतिशत परिवहन शुल्क लेगी। शेष 50 प्रतिशत परिवहन शुल्क मंत्रालय की ओर से भारतीय रेल को अपनी ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के तहत दिया जाएगा।
बुधवार को रेलवे और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की ओर से सब्सिडी वाली सामग्री की सूची में मंदारिन (एक प्रकार का संतरा) और हल्दी (कच्ची) को शामिल किया है।
सब्सिडी के अंतर्गत पहले से पात्र सामग्री :
फल – आम, केला, अमरूद, कीवी, लीची, पपीता, मोसमी, संतरा, कीनू, लाइम, नींबू, अनानास, अनार, कटहल, सेब, बादाम, आंवला, पैशन फ्रूट और नाशपाती
सब्जी – सेम फली, करेला, बैगन, शिमला मिर्च, गाजर, फूलगोभी, हरी मिर्च, ओकरा, खीरा-ककड़ी, मटर, लहसुन, प्याज, आलू और टमाटर।
किसान रेल से किसानों और उपभोक्ताओं का फायदा-
किसान रेल, कृषि उपज को देश के एक कोने से दूसरे कोने तक तीव्र परिवहन सुविधा से अतिशीघ्र पहुंचाना सुनिश्चित करती है, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं, दोनों को फायदा होता है। छोटे किसानों और लघु व्यापारियों की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए किसान रेल न केवल इस व्यवसाय में महत्वपूर्ण बदलाव ला रही है बल्कि यह किसानों की आय में वृद्धि के प्रयासों को साकार कर जिंदगियों में भी बदलाव ला रही है।
तीव्र और सस्ता परिवहन, अनवरत आपूर्ति श्रृंखला उपलब्ध कराकर और जल्दी खराब होने वाली कृषि उपज को बर्बाद होने से बचाकर बेहतर उपज मूल्य का आश्वासन देकर और किसानों की आय में वृद्धि की संभावनाएं खोलकर किसान रेल निश्चित रूप से किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है।
गौरतलब हो कि भारतीय रेलवे निरंतर मालवाहक ट्रेनों के माध्यम से कृषि उपज के परिवहन के प्रयास कर रहा है। लॉकडाउन के दौरान भी रेलवे की मालवाहक ट्रेनें आवश्यक सामग्री की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार संचालित की जा रही थीं, जिससे कि देश के किसी भी हिस्से में कोई समस्याएं न हों। अधिक रेक उपलब्ध होने से गेहूं, दलहनों, फलों, सब्जियों जैसी फसलों के उठाव में बहुत अधिक सुधार हुआ है।