पटना। जिला दण्डाधिकारीए पटना डॉ चन्द्रशेखर सिंह एवं एसएसपीमानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा है कि दुर्गापूजा 2022 के अवसर पर विधि व्यवस्था संधारण प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी इसके लिए पूर्णत: सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहेंगे।
डीएम व एसएसपी ने कहा कि दुर्गापूजा के अवसर पर विधि व्यवस्था संधारण हेतु प्रशासन पूर्णत: प्रतिबद्ध है। विधि-व्यवस्था के मद्देनजर जिले में 509 स्थानों पर दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इनके साथ सशस्त्र बल तथा लाठी बल को भी लगाया गया है।
पटना सदर अनुमंडल में 107 स्थानों, पटना सिटी अनुमंडल में 62 स्थानों, दानापुर अनुमंडल में 59 स्थानों, बाढ़ अनुमंडल में 139 स्थानों, मसौढ़ी अनुमंडल में 87 स्थानों तथा पालीगंज अनुमंडल में 55 स्थानों पर दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। दुर्गापूजा व मूर्ति विसर्जन के अवसर पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पटना शहरी क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थानों पर 4 क्विक रिस्पांस टीम की प्रतिनियुक्ति की गई है। जिला नियंत्रण कक्ष में तीन पालियों में 45 सुरक्षित दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। पटना सिटी नियंत्रण कक्ष में 27 सुरक्षित दण्डाधिकारियों एवं दानापुर अनुमंडल नियंत्रण कक्ष में 36 सुरक्षित दण्डाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।
डीएम व एसएसपी श्री ढिल्लो ने कहा है कि अफ वाह फैलानेवालों के विरूद्ध त्वरित एवं कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीएम डॉ सिंह व एसएसपी श्री ढिल्लो ने कहा कि किसी भी प्रकार की संदेहास्पद सूचना तुरत दें। दुर्गापूजा के आयोजन के क्रम में जनहित एवं आम जनता की व्यापक सुरक्षा के दृष्टिकोण से आवश्यक दिशा निर्देश दुर्गापूजा के आयोजकोंध्व्यवस्थापकों को दिये गये हैं। नगर आयुक्त पटना नगर निगम अनिमेष कुमार पराशर ने कहा कि दुर्गापूजा में स्वच्छता पर विशेष जोर रहेगा। विसर्जन के लिए पूजा पंडाल ईको फ्रेंडली तरीका अपनाएँगे।
डीएम डॉ सिंह व एसएसपी श्री ढिल्लो ने कहा कि पूजा पंडालों में भीड़ की गतिविधियों पर सीसीटीवी से नजर रखा जाएगा। मूर्ति विसर्जन हेतु कृत्रिम घाटों का निर्माण किया गया है। विसर्जन जुलूस एवं विसर्जन स्थल पर आतिशबाजी पर रोक है। विसर्जन के दिन नदी में बिना अनुमति के नाव परिचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है। सभी अनुमण्डल पदाधिकारी एवं अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी अपने अपने क्षेत्रान्तर्गत विधि व्यवस्था के पूर्ण प्रभार में रहेंगे।