पटना 25 फरवरी 2020: जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज़ अहमद ने कहा कि आजबिहार विधानसभा ने सर्वसम्मति से एनपीआर और एनआरसी के विरुध्द जो प्रस्ताव पारित की है यह जाप और पप्पू यादव के के साथ-साथ 70% से अधिक लोगों तथा मां बहनों के संघर्षों का परिणाम है ,जिस कारण यह प्रस्ताव बिहार विधानसभा से पारित हुआ है |
इसके खिलाफ पप्पू यादव लगातार चल रहे अनिश्चितकालीन धरना तथा आंदोलन कर रहे लोगों के हौसला अफजाई करते रहे जिस कारण विपक्षी दलों के साथ-साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को भी इस प्रस्ताव को लाने पर मजबूर होना पड़ा, जिसे आज बिहार सरकार ने स्वीकार कर ली।
एनपीआर को 2010 की फॉर्मेट पर बिहार में लागू करने का संकल्प विधानसभा से सर्वसम्मत पारित होना भाजपा की मंशा पर करारा प्रहार है |
क्योंकि मोदी सरकार ने इसमे ऐसा प्रावधान कर रही है जो बाद में एनआरसी से जुड़ सकती है | बिहार में एनआरसी की आवश्यकता नहीं है’ का प्रस्ताव भी विधानसभ से पारित होना एनआरसी के खिलाफ बिहार के विरोध और आंदोलन की जीत है।
एजाज ने केंद्र सरकार से अविलंब संविधान विरोधी सीएए को वापस लिए जाने तथा देश के लोगों के खिलाफ आने वाले एनपीआर और एनआरसी को नहीं लाए जाने की मांग की है, क्योंकि इसमें देश के 70% से अधिक गरीब सवर्ण वर्ग के लोगों के साथ साथ दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा ,आदिवासी, बंजारा और मुसलमान प्रभावित होंगे जो देश के हितों के विरुद्ध होगा।