पटना :- जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि बिहार में एनडीए के अलावा जो चार और गठबंधन बने हैं दरअसल यह चारों ही बेलगाम महत्वाकांक्षाओं के छोटे-छोटे टापू हैं। जातीय गोलबंदी और महत्वाकांक्षाओं से लबरेज इन नेताओं ने सुविधाओं से हिसाब से नए नए गठजोड़ बनाए है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रचंड लोकप्रियता के कारण एनडीए अन्य गठबंधनों से मीलों आगे हैं।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राजद के नेतृत्व में बने गठबंधन के कितने टुकड़े हुए यह सबके सामने है और अब अस्तित्व संकट से महागठबंधन जूझ रहा है, तो बाकि गठबंधनों की हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इन गठबंधनों को तो जनता स्वीकार भी नहीं करेगी। लेकिन इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि इन गठबंधनों के कारण राजद का बचा खुचा आधार भी खत्म होने के कगार पर है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में न तो एनडीए को इन गठबंधनों से कोई खतरा है और न ही इन्हें चुनौती के तौर पर बिहार में देखा जा रहा है। इसीलिए नीतीश कुमार के नेतृत्व में तीन चौथाई से अधिक सीटों पर प्रचंड बहुमत के साथ जीत एनडीए जीत दर्ज करेगा।