पटना,08 जुलाई निखिल नरेन को वर्ष 2021-22 के लिये लब्ध प्रतिष्ठित अंतराष्ट्रीय चेवेनिग छात्रवृति से पुरस्कृत किया गया है ।
चेवेनिंग छात्रवृति बहुत ही प्रतिष्ठित एवं सम्मानित एक अँतरराष्ट्रीय छात्रवृति कार्यक्रम है, जो की उन 160 देशों के मेधावी अभ्यर्थियों को प्रदान किया जाता है , ज़िन्मे भविष्य में नेतृत्व की अपार सम्भावनाएँ हैं , एवं जिन्हें यूनाइटेड किंगडम के अंतर्गत किसी भी विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किये जा रहे किसी भी क्षेत्र के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के अध्ध्यन के लिये चयन की एक लम्बी एवं बहुत ही कड़ी प्रक्रिया के माध्यम से प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के लिये चुना जाता है ।यह छात्रवृति पूर्णरूपेन से ब्रितानी सरकार के अंतर्गत विदेश एवं कॉमनवेल्थ विभाग एवं अन्य सहयोगी संगठनों के द्वारा पोषित एवं संचालित होता है । उक्त छात्रवृति योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि यूनाइटेडकिंगडम के लिये मित्रों की एक शृंखला का निर्माण, जो अपने-अपने देशों में भविष्य में अपने कार्यक्षेत्र में नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता रखते हैं ।
निखिल नरेन को वर्ष 2021-22 के लिये लब्ध प्रतिष्ठित अंतराष्ट्रीय चेवेनिग छात्रवृति से पुरस्कृत किया गया है । यूनाइटेड किंगडम के निम्नलिखित पाँच विश्वविद्यालयों क्रमशः (१) Queen Mary University of London,(२) University of Edinburgh, (३) Birkbeck University of London, (४) Queen’s University, Belfast, (५) University of Sussex के द्वारा Master of Laws के अध्यन के लिये इन्हें अवसर प्रदान किया गया है । इन उपरोक्त वर्णित विश्वविद्यालयों में से निखिल ने Queen Mary University of London से Technology, Media and Telecommunication Law में विशिष्टता हेतु Master of Laws की पढ़ाई का चयन किया है ।इस छात्रवृति के अंतर्गत निखिल को लंदन में रहकर ही पढ़ाई करनी है जिसका पूरा खर्च British government वहन करेगी । निखिल को पुरे Master of Laws के पढ़ाई में Tution Fee के लिये भारतीय मुद्रा में लगभग 25 लाख रुपये , तथा इसके अतिरिक्त आवास, दैनिक खर्चे, हवाई यात्रा, वीज़ा एवं अन्य ख़र्चों के लिये उन्हें समुचित धनराशि प्रदान की जायेगी जो की लगभग भारतीय रुपये में 20 लाख की राशि होगी ।
उल्लेखनीय है कि निखिल यह उपलब्धि प्रथम प्रयास में ही बहुत कम उम्र, 24 वर्ष में हासिल करने में सफल रहे हैं ।पूर्व में अपनी अद्वित्य प्रतिभा के कारण निखिल Law graduation की पढ़ाई के मध्य में ही नवंबर (2018) में Pre Placement Offer स्वीकार कर एक कीर्तिमान बना चुके हैं । फलस्वरूप उक्त छात्रवृति की योग्यता के लिये 02 वर्ष की अनिवार्य कार्यअवधि की शर्त अपने उत्तीर्ण वर्ष (2020) में ही पूर्ण कर इस छात्रवृति को हासिल करने में सफल रहे निखिल नरेन मूलतः बिहार के बेगुसराय ज़िला के अंतर्गत बीहट नगर के वासी हैं एवं इनके पिता श्री विवेकानन्द प्रसाद सिंह पटना उच्च न्यायालय में अधिवक्ता एवं माँ श्रीमति इन्दिरा सिंह एक सुशिक्षित गृहणी एवं योगा प्रशिक्षक हैं । निखिल नरेन ने अपनी स्कूलिंग पटना के दिल्ली पब्लिक स्कूल और लोयोला हाई स्कूल से की है। उन्होंने अपनी कानून की पढाई सिम्बायोसिस लॉ स्कूल, नॉएडा से 2020 में समाप्त की है और अपने कॉलेज में रिकॉर्ड प्लेसमेंट पाकर नवंबर (2018) में अपना प्री प्लेसमेंट ऑफर स्वीकार किया था।
तब से वह नई दिल्ली स्तिथ्त स्क्रीबोर्ड, एडवोकेट्स एंड लीगल कंसल्टेंट्स में काम कर रहे हैं. यह फर्म इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स, मीडिया और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी लॉ के क्षेत्र में काम करती है. इसके फाउंडर, निखिल के मेंटर एवम गुरु श्री रॉडनी डी रायडर हैं। लॉ फर्म के कामों के अलावा निखिल ने श्री रॉडनी के साथ 23 साल की उम्र में एक किताब लिखी है. किताब का शीर्षक- इंटरनेट लॉ: रेगुलेटिंग साइबरस्पेस एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज है और इसे विश्व प्रसिद्ध प्रकाशन ब्लूम्सबरी प्रोफेशनल इंडिया ने प्रकाशित किया है. इस किताब का फॉरवर्ड भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री दीपक मिश्रा ने लिखा है. इस किताब को लिखने में सिम्बायोसिस नॉएडा के 12 छात्रों ने रिसर्च में सहायता भी की है।