मानव अधिकार रक्षक संस्था की टीम ने एक महिला को सड़क हादसे में बचाकर दिलाया न्याय

पटना,कंकड़बाग के द्वारिका कॉलेज के समीप एक महिला जिनका नाम चिंता देवी है,एक महिला ने इनको चार पहिया वाहन से ठोकर मार दिया ,हादसे में चिंता देवी की पैर की हड्डी टूट गई ,मानव अधिकार रक्षक की संस्थापिका रीता सिन्हा जी उसी रास्ते से गुजर रही थी ,महिला को ठोकर मारने के बाद महिला ड्राइवर ने वाहन को रोका तक नहीं और तेजी से वाहन को भगाते हुए घर में जाकर खुद को बंद कर लिया सड़क के पास खरे लोग सिर्फ नजारा देखने में लगे थे रीता सिन्हा जी ने महिला को जल्दी से उठाया और उस महिला ड्राइवर के पीछे उसके घर तक गई और उसे बाहर निकलने को कहा लेकिन महिला बाहर तक नहीं निकली और घर के अंदर से ही सभी से बहस करने लगी जब रीता जी ने उन्हे बताया की मैं मानव अधिकार रक्षक की संस्थापिका हूं और अगर आपने इस महिला को जल्द से जल्द अस्पताल में भर्ती नही कराया तो मैं मजबूरन आपके ऊपर पुलिस केस करूंगी ,रीता जी ने अपने महिला मंडल टीम को तुरंत कॉल किया,महिला टीम मौके पे पहुंची और दोषी महिला के परिवार वालो को तुरंत अस्पताल चल महिला का इलाज कराने को कहा ,दोषी के परिवार वालों ने जब देखा की मानव अधिकार रक्षक की पूरी टीम घर के बाहर धरना देने को तैयार है तब मजबूरन उन्हें घर से निकलना पड़ा और तुरंत चिंता देवी को अस्पताल ले जाया गया ,टीम ने अपने सामने चिंता देवी को डॉ आर एन सिन्हा,हड्डी रोग विशेषज्ञ,कंकड़बाग अस्पताल में एडमिट करवाया और पूरी जांच करवाई, दोषी के परिवार वाले ने सारा खर्च उठाने का जिम्मा लिया है।
मानव अधिकार रक्षक टीम ने चिंता देवी के पुत्र रोहित कुमार को आश्वासन दिया उनकी मां पूरी तरह से ठीक हो जायेंगी और कोई भी समस्या को तो तुरंत मानव अधिकार रक्षक टीम से संपर्क कर सकते हैं।
मानव अधिकार रक्षक की टीम से कंकड़बाग टीम लीडर किरण जी,के साथ एक्टिव मेंबर रश्मि जी, रमा जी और आर्यन चंद्रा जी ने चिंता देवी को न्याय दिलाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसके लिए मानव अधिकार रक्षक संस्था की संस्थापिका रीता सिन्हा जी ने सभी को इस कार्य हेतु हृदय से आभार व्यक्त किया ।।

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