केंद्र ने दी इजाजत : जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में कोई भी खरीद सकता है जमीन

मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर एक और बड़ा फैसला किया है. देश का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद सकता है. गृह मंत्रालय ने इस आशय की अधिसूचना मंगलवार को जारी कर दी. केंद्र ने 26 कानूनों को निरस्त या बदल दिया है. हालांकि, इस अधिसूचना में कहा गया है कृषि के लिए जमीनें नहीं ली जा सकेंगी.

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में जमीन खरीदने के लिए ‘राज्य का स्थायी निवासी होने’ की शर्त को हटा दिया है. गृह मंत्रालय का नोटिफिकेशन तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. ​​केंद्र सरकार ने कहा है कि यह आदेश केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (केंद्रीय कानूनों का अनुकलन) तीसरा आदेश, 2020 कहा जाएगा.

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि हम चाहते हैं राज्य में बाहरी उद्योग स्थापित हों ऐसे औद्योगिक भूमि में निवेश की आवश्यकता है. इस अधिसूचना के बाद कोई भी जम्मू-कश्मीर में फैक्ट्री, घऱ या दुकान के लिए जमीनों की खरीद-फरोख्त कर सकता है. इसके लिए उसे पहले की तरह कोई स्थायी निवास प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं है. लेकिन खेती की जमीनें सिर्फ राज्य के लोगों के पास ही रहेंगी.

गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर अब बिक्री के लिए उपलब्ध है. उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ”जम्मू-कश्मीर के भू स्वामित्व कानून में अस्वीकार्य संशोधन किया गया है. डोमिसाइल के प्रतीकवाद को भी हटा दिया गया है और गैर कृषि योग्य जमीन की खरीद और कृषि जमीन के ट्रांसफर को आसान कर दिया गया है. जम्मू-कश्मीर अब बिक्री के लिए तैयार है और गरीब, कम जमीन के मालिकों को इसका नुकसान होगा.”

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