नये नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार ने संभाली कमान, कहा-समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए करेंगे हर संभव कोशिश

नए नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने आज 30 नवंबर को भारतीय नौसेना के नए प्रमुख का पदभार संभाल लिया है। निवर्तमान नौसेनाध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह ने एडमिरल आर हरि कुमार को आज भारतीय नौसेना की कमान सौंपी। नए नौसेना प्रमुख को साउथ ब्लॉक के लॉन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पदभार संभालने के बाद एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, ‘समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए वो हर संभव कोशिश करेंगे।’

नौसेना की कमान संभालने के बाद एडमिरल आर हरिकुमार ने अपनी मां के पैर छूकर आशिर्वाद लिया और उन्हें गले लगाया। जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार ने वाइस एडमिरल आर हरि कुमार को अगले नौसेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया था। हरि कुमार पहले नौसेना की पश्चिमी कमान के कमांडिंग इन चीफ के पद पर कार्यरत थे।

38 साल से नौसेना में सेवाएं दे रहे हैं एडमिरल हरि कुमार

एडमिरल हरि कुमार का जन्म वर्ष 1962 में हुआ था, उन्होंने वर्ष 1983 में नौसेना ज्वाइन की थी। अपने 38 साल के लंबे और शानदार करियर में उन्होंने भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विराट के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) के पद सहित आईएनएस कोरा, निशंक और रणवीर युद्धपोतों को भी कमांड किया है। हरि कुमार नौसेना की पश्चिमी कमान के जंगी बेड़े के फ्लीट ऑपरेशन्स ऑफिसर के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इससे पूर्व हरि कुमार दिल्ली में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के अंतर्गत इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (आईडीएस) के चीफ के पर पर कार्यरत थे।

परम विशिष्ट और अति विशिष्ट सेवा मेडल से हैं सम्मानित

एडमिरल हरि कुमार को परम विशिष्ट, अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर को कमांड किया है और INS विराट के कमांडिंग ऑफिसर रह चुके हैं। वे पूर्व में CDS बिपिन रावत के साथ भी काम कर चुके हैं।

कमान संभालते हुए एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, एडमिरल करमबीर सिंह आज 41 साल तक देश सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो रहे हैं। हम उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन के लिए आभारी हैं, भारतीय नौसेवा हमेशा उनकी आभारी रहेगी। बताना चाहेंगे कि 30 महीने के कार्यकाल के बाद केबी सिंह आज सेवानिवृत्त हो गए। इस दौरान पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा, ‘बीते 30 महीनों के दौरान भारतीय नौसेना की कमान संभालना बड़ा सम्मान रहा। यह समय चुनौतियों भर रहा है। कोविड से लेकर गलवान संकट तक अनेक चुनौतियां आईं। एक बहुत योग्य नेतृत्व के हाथ में नौसेना को सौंप रहा हूं।’

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