दिल्ली डायरी : द्वारका की एक कुशल डेंटिस्ट नेहा जैन

कमल की कलम से !

आज जबकि सभी पैसों के पीछे दौड़ रहे हैं और मरीज हैरान परेशान लुटे जा रहे हैं वहीं पर बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं जो पैसों को नहीं बल्कि मानव सेवा को महत्व दे रहे हैं और मरीजों को बहुत ही अल्प पैसे खर्च करा कर अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं.

वैसे ही मानव और डॉ धर्म का निर्वाह करने वालों की सूची में है द्वारका की डेंटिस्ट डॉ नेहा जैन.ये एक चैरिटेबल डेंटल क्लिनिक चला रही हैं जहाँ बहुत ही कम पैसों में पीड़ितों का इलाज होता है.इतनी कम उम्र में ही नेहा एक बहुत ही कुशल डेंटिस्ट बन गई है जिसका श्रेय वह अपने डेंटिस्ट पति डॉ निखिल को देती हैं जिनका क्लिनिक द्वारका मोड़ पर ही है.
यदि आपको द्वारका में एक कुशल डेंटिस्ट की तलाश है और आपको अनावश्यक जाँच और दवा से भी बचनी हो साथ ही आपको पैसे भी कम लगने हों तो आप बेहिचक डेंटिस्ट डॉ नेहा जैन के द्वारका सेक्टर 17 में माँ विंध्यवासिनी मन्दिर में स्थित ‘माँ विंध्यवासिनी चैरिटेबल डेंटल क्लीनिक’में जाकर इसकी सेवा ले सकते हैं.इनके क्लिनिक में एक्स रे के साथ साथ दाँतों के हर तरह की जाँच की सुविधा भी उपलब्ध है.

नेहा से बातचीत के क्रम में पता चला कि चाहे बड़े हों या
बच्चे,इनमें कैविटी की समस्या बेहद आम होती है.कैविटी में दाँतों में सड़न होने लगती है और अगर यह ज्यादा दिन तक रहे तो इससे दाँत कमजोर होने का भी डर बना रहता है. कैविटी छोटे बच्चों के दाँतों या फिर किसी बड़े व्यक्ति के भी दाँत दोनों में हो सकती है.दाँतों में सड़न तब होती है जब बच्चा खाना शुरू करता है और शुगर दाँतों में रह जाती है. धीरे धीरे बैक्टीरिया दाँतों में जमा होने लगते हैं और बाहरी परत को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देते हैं.वयस्कों की तुलना में छोटे बच्चों या फिर शिशुओं में कैविटी होने का खतरा अधिक होता है.

यदि इसका इलाज समय पर न हो तो आगे बहुत ही गम्भीर समस्या आ सकती है. नेहा अपनी कहानी बताती हुई कहती है कि पहले उनका क्लिनिक जैन मंदिर में आदिनाथ चैरिटेबल डेंटल क्लिनिक के नाम से था जहाँ यह दाँत से सम्बंधित रोगियों की भरपूर सेवा कर रही थीं.अचानक ही एक दिन मन्दिर प्रशासन द्वारा टेंपल एक्सपेंशन के नाम पर जगह तुरंत खाली करने को कहा गया.

इसने एक बिल्डर से पास में ही अपने क्लिनिक के लिए जगह खरीद लिया और उसमें अपना सामान भी शिफ्ट कर लिया पर बिल्डर ने इसे धोखा देते हुए वहाँ अपना ताला लगा दिया.आज तक नेहा पुलिस और कानून के चक्कर लगा रही हैं पर कहीं से राहत नही मिली है.

चूँकि इन्हें मन्दिर के उस जगह को तुरंत खाली करना था तो मजबूरीबस इसने दुगुने किराए पर द्वारका सेक्टर 17 में विंध्यवासिनी मन्दिर में माँ विंध्यवासिनी चैरिटेबल डेंटल क्लीनिक के नाम से अपना क्लिनिक चला कर लोगों की सेवा कर रही है.जब इन्हें घर पर ही रहना आवश्यक होता है तब पतिदेव निखिल जी इसका क्लिनिक बखूबी संभालते हैं.

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