पटना। महाशिवरात्रि के अवसर पर बाबा हरिहर नाथ मंदिर के पेज पर लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने भगवान शिव और पार्वती स्तुति करते हुए अनेक भजन और लोक गीतों की प्रस्तुति करके भक्ति की गंगा बहा दी। कार्यक्रम में नीतू कुमारी नवगीत ने कहा कि शिव आदि गुरु है और आज भी गुरु हैं। जब जब सृष्टि पर संकट के बादल छाते हैं सृष्टि के रक्षा के लिए भगवान शिव आगे आते हैं। समुद्र मंथन में जब हलाहल निकला तो सभी डर गए लेकिन भगवान शिव ने पृथ्वी की रक्षा के लिए हलाहल का पान कर लिया। उसे अपने कंठ में ही समाप्त किया जिससे उनका कंठ नीला पड़ गया और वह नीलकंठ कहलाए। यह घटना के महाशिवरात्रि के दिन ही हुई थी। माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह भी महाशिवरात्रि के दिन ही हुआ था। नीतू कुमारी नवगीत ने ओम नम: शिवाय ओम नम: शिवाय सब मिल बोलो नम: शिवाय का ले के शिव के मनाई हो शिव मानत नाही, भक्ति जगा के मन में ओढ़ल चुनरिया चला बाबा के नगरिया चला हो सखिया गाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
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