नौसेना के कमांडरों का पांच दिवसीय सम्मेलन सोमवार से नई दिल्ली में शुरू हो गया। सम्मेलन में नौसेना के कमांडर सैन्य-रणनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण समुद्री मामलों पर चर्चा की। इलाके की तेजी से बदलती भू-रणनीतिक स्थिति के कारण इस सम्मेलन का महत्व कई गुना बढ़ गया है।
रक्षा मंत्री ने किया संबोधित
सम्मेलन में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और भारतीय सेना एवं वायु सेना के प्रमुख भी नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे, जिससे तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाया जा सके। सम्मेलन में अत्यधिक महत्व के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के साथ ही उन पर निर्णय लिए जाएंगे जो भारतीय नौसेना के भविष्य की नीति को आकार प्रदान करेंगे। सम्मेलन के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नौसेना कमांडरों को संबोधित किया और उनके साथ बातचीत की।
इन बिंदुओं की करेंगे समीक्षा
प्रवक्ता के अनुसार नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह कमांडरों के साथ पिछले कुछ महीनों में भारतीय नौसेना की प्रमुख अभियानगत, सामग्री संबंधी, रसद संबंधी, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा करेंगे। सम्मेलन में नौसेना की भविष्य में होने वाली महत्वपूर्ण गतिविधियों और योजनाओं पर विचार-विमर्श किया जाना है। नौसेना ने युद्ध के लिए तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया है। भारत के बढ़ते समुद्री हितों के अनुरूप पिछले कुछ वर्षों में नौसेना ने अपने मिशन कार्य बढ़ाए हैं। हिन्द महासागर क्षेत्र (आईओआर) में मिशन आधारित तैनाती पर भारतीय नौसेना के जहाज किसी भी विकासशील स्थिति के लिए त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं।
हिन्द महासागर क्षेत्र के तटवर्ती देशों नौसेना ने पहुंचाई मदद
इसके अलावा अदन की खाड़ी और फारस की खाड़ी में तैनात भारतीय नौसेना के जहाज इन क्षेत्रों से होने वाले व्यापार के लिए सुरक्षा प्रदान करना जारी रखे हुए हैं। 2020-21 में भारतीय नौसेना के जहाजों ने हिन्द महासागर क्षेत्र के तटवर्ती देशों को भोजन और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए आउटरीच मिशन शुरू किए हैं। भारतीय नौसेना मौजूदा कोरोना महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।