चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत गुरुवार को नहाय-खाय के साथ होगा। इस दिन श्रद्धालु स्नान कर घर में सिंधा नमक, कद्दू की सब्जी और अरवा चावल पका कर प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगे। दूसरे दिन एक नवंबर को खरना का व्रत होगा। तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को गंगाजल और दूध से अर्घ्य दिया जाएगा। बरारी पुल और सीढ़ी घाट में बुधवार की शाम तक गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। इस दौरान बांका, पूर्णिया, अररिया, जोगबनी, नवगछिया, बिहपुर, गोपालपुर, गोड्डा आदि कई जगहों से श्रद्धालु पहुंचे थे। घाटों के पास कई दुकानें और गाड़ियां लगने के कारण जाम से भी लोग परेशान रहे। मंगलवार की तुलना में बुधवार को श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी।