मुंगेर पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह के निर्देश पर की गई कार्रवाई के दौरान सात अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. अपराध की योजना बना रहे अपराधियों को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार अपराधियों में से कई अपराधियों का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है तथा कई घटनाओं में इन्होंने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है.
मुंगेर पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने बताया कि सफियासराय ओपी अंतर्गत सिंघिया बहियार इलाके में अपराधियों के जमावड़े की सूचना मिली थी. गांव के बाहर सिंघिया बहियार में बैठे अपराधी वारदात को अंजाम देने के लिए जमा हुए थे. सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक हरिशंकर कुमार के नेतृत्व में गठित छापामारी दल में एसआईओयू प्रभारी विनय कुमार सिंह, कासिम बाजार थानाध्यक्ष शैलेश कुमार, जमालपुर थानाध्यक्ष रंजन कुमार, धरहरा थानाध्यक्ष रोहित कुमार सिंह, साफियासराय ओपी अध्यक्ष गौरव कुमार और जिला आसूचना इकाई के जवान शामिल थे. सिंघिया बहियार इलाके में तीन तरफ से घेराबंदी कर छापामारी की गई. इसी दौरान बांध पर बैठे अपराधी पुलिस को देखकर भागने लगे. आधे घंटे की मशक्कत के बाद मौके पर से पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया गया जबकि कुछ अन्य भाग निकले. सिंघिया बहियार से सत्यम यादव, आजाद यादव, राणा यादव उर्फ राणा बॉस, सूरज यादव और अमरेश यादव को गिरफ्तार किया गया. इनके पास से चार देशी पिस्तौल और 14 जिंदा गोलियां बरामद की गई.
ई-रिक्शा चालक मनीष और जदयू कार्यकर्ता जुगनू मंडल की हत्या में शामिल थे अपराधी
गिरफ्तार अपराधियों से पुलिस को जानकारी मिली कि कुछ अन्य अपराधी गांव की तरफ भागे हैं. भाग रहे अपराधियों में से एक शशांक कुमार यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया. गिरफ्तार अपराधियों की निशानदेही पर पूरबसराय ओपी और मुफस्सिल थाना क्षेत्र में भी छापामारी की गई. गिरफ्तार अपराधियों ने बताया कि हथियार एवं गोलियों की आपूर्ति का काम मुफस्सिल थाना क्षेत्र निवासी बंटी यादव करता है. इसके बाद मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कल्याण चक गांव में भी बंटी यादव के घर छापामारी की गई, जहां से एक देशी पिस्तौल और थ्री नॉट थ्री की एक जिंदा गोली बरामद की गई. पूरबसराय ओपी क्षेत्र के कृष्णापुरी मोहल्ले में उसके रिश्तेदार के यहां भी छापामारी के दौरान पुलिस को एक लोडेड देशी राइफल तथा तीन गोलियां मिली हैं. पुलिस ने यहां से सौरभ राज उर्फ छोटू को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार अपराधियों में सत्यम यादव, सूरज यादव और राणा यादव उर्फ राणा बॉस का अपराधिक इतिहास रहा है. सूरज यादव और राणा यादव की तलाश जमालपुर थाना क्षेत्र में हुए हत्या के दो मामले में भी चल रही थी. इसके अलावा जदयू नेता जुगनू मंडल की हत्या में भी अपराधियों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. सभी सात अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
गिरफ्तार अपराधियों का है लंबा अपराधिक इतिहास
गिरफ्तार किए गए अपराधी राणा यादव और सूरज यादव का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. राणा यादव उर्फ राणा बॉस के खिलाफ 11 से अधिक मामले दर्ज हैं और 10 से अधिक बार जेल जा चुका है. सूरज यादव का मुख्य धंधा अवैध शराब की तस्करी करना था तथा उसने लूट कांडों को भी अंजाम दिया था. इन अपराधियों ने जमालपुर थाना क्षेत्र में हुए मनीष कुमार की हत्या के मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. सूरज यादव ने यह भी स्वीकार किया है कि वह अवैध शराब का धंधा काफी दिनों से कर रहा था. अपने भाई राजा यादव के साथ मिलकर वह शराब का धंधा किया करता था और इसी विवाद में उसने मनीष की हत्या अपने भाई और साथियों के साथ मिलकर कर दी थी और उसके शव को कुएं में डाल दिया गया था. वहीं जदयू नेता जुगनू मंडल की हत्या के मामले में भी गिरफ्तार अपराधियों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. सूरज यादव और राणा यादव उर्फ राणा बॉस का नाम जदयू नेता की हत्या के मामले में सामने आया था.
अपराधियों की गिरफ्तारी से कई मामलों का उद्भेदन
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अपराधियों की गिरफ्तारी से कई मामलों का खुलासा हुआ है. कासिम बाजार थाना क्षेत्र में रंगदारी की मांग को लेकर फायरिंग की घटना हुई थी. उस घटना में राणा यादव उर्फ राणा बॉस, सत्यम, अमरेश और सूरज यादव की संलिप्तता सामने आई थी. इन सभी अपराधियों की गिरफ्तारी भी हो गई है. गिरफ्तार अपराधियों ने स्वीकार किया है कि उन्होने रंगदारी की मांग को लेकर फायरिंग की थी. राणा यादव उर्फ राणा बॉस ने ही फायरिंग के लिए सबको जुटाया था. जमालपुर थाना क्षेत्र में हुई हत्या के मामलों में पुलिस को अहम सुराग मिले हैं. ई-रिक्शा चालक मनीष हत्याकांड में सूरज यादव और जुगनू मंडल हत्याकांड में सूरज यादव और राणा यादव की भूमिका सामने आई थी. फिलहाल पुलिस ने अपराध की योजना बनाने और हथियार बरामदगी के मामले में अपराधियों को जेल भेजा है. इनके खिलाफ दर्ज दूसरे मामलों में इन्हें पुलिस रिमांड करेगी.
मुंगेर- पुलिस छापामारी में सात अपराधी गिरफ्तार, एक देशी राइफल, पांच देशी पिस्तौल, अठारह गोलियां बरामद
सिंघिया बहियार इलाके में अपराध की योजना बनाने के लिए जुटे अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 6 घंटे तक रेकी की थी. जिला आसूचना इकाई की टीम ने छह घंटे तक अपराधियों की गतिविधियों पर निगरानी रखी. संदलपुर इलाके में पहले चार अपराधी जमा हुए थे. इससे पहले कि पुलिस वहां कार्रवाई करती कि सभी अपराधी वहां से सिंघिया आ गए थे. जिला आसूचना इकाई की टीम ने अपराधियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी थी. ह्यूमन और मोबाइल इंटेलिजेंस के माध्यम से अपराधियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही थी. उसी दौरान सिंघिया बहियार इलाके में इन अपराधियों को देखे जाने की सूचना मिली. जिला आसूचना इकाई के साथ-साथ सभी पुलिस पदाधिकारियों और पुलिस बलों द्वारा तीन तरफ से इलाके की घेराबंदी कर दी गई थी. घेराबंदी के बाद भी 2 घंटे तक पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी. दरअसल खुला इलाका, मक्के का खेत, कीचड़ और पानी का बहता नाला होने के कारण पुलिस को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन उसके बावजूद सभी अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.