पटना : भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स, कोलकाता ने पटना के स्थानीय ताज होटल में रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के साथ साझेदारी में ‘ एमएसएमई द्वारा रक्षा क्षमता प्रदान करना – एक रोडमैप ‘ विषय पर एक दिवसीय जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इस जागरूकता सत्र का उद्देश्य नवीनतम नीतिगत पहलों पर ध्यान केंद्रित करना और एमएसएमई के लिए उपलब्ध व्यावसायिक अवसरों की रूपरेखा तैयार करना और उन्हें रक्षा विनिर्माण और निर्यात में अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में सक्षम बनाना था। इस अधिवेशन को बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज और बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन का समर्थन मिला। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शेखर आनंद, आईएएस, निदेशक, एमएसएमई, बिहार एवं आर. पी. सिंह, आईओएफएस, उप महानिदेशक (एनडीसीडी-IV), रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार उपस्थित हुए। जागरूकता सत्र में अनिल कुमार गुप्ता, आईओएफएस, मुख्य महाप्रबंधक, सुधांशु प्रसाद, आईओएफएस, संयुक्त महाप्रबंधक, आयुध निर्माणी, नालंदा, म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) ने एमआईएल के तहत रक्षा उत्पादन में एमएसएमई के लिए उपलब्ध अवसरों पर चर्चा की। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के वरिष्ठ प्रबंधक अविक गुप्ता ने अपनी प्रस्तुति में एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म के तहत रक्षा उत्पादन में अवसरों पर प्रकाश डाला। बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष सुभाष कुमार पटवारी ने ‘ उद्योग परिप्रेक्ष्य ‘ पर एक विशेष भाषण दिया। साथ ही इस मौके पर बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री के.पी.एस.केशरी, भारत चैम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रधान सचिव केका शर्मा व सचिव अविक रॉय भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर शेखर आनंद, आईएएस, निदेशक, एमएसएमई, बिहार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार की सक्रिय नीतियों और वित्तीय सहायता योजनाओं के कारण बिहार में एमएसएमई विकास में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। बिहार सरकार ने एमएसएमई के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए बिहार स्टार्ट-अप नीति 2016 और बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 सहित कई पहल शुरू की है। ये नीतियां निवेशक-अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने, निवेश को सुविधाजनक बनाने और एमएसएमई उद्यमियों की भलाई को बढ़ावा देने में सहायक रही हैं। उन्होंने कहा, परिणामस्वरूप, बिहार में अब एमएसएमई गतिविधि में वृद्धि देखी जा रही है, यह क्षेत्र राज्य की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि रक्षा विनिर्माण क्लस्टर बनाने के अवसर तलाशे जाएं, क्लस्टर विकास कार्यक्रम जैसी बिहार सरकार की योजनाओं के तहत समर्थन दिया जाए, राज्य में एमएसएमई को सहयोग करने और रक्षा से संबंधित उत्पादन के लिए संसाधनों को एकत्रित करने में मदद की जाए। सत्र की थीम का परिचय देते हुए बलप्रीत सिंह, प्रबंधक, एयरोस्पेस और रक्षा, अर्न्स्ट एंड यंग एलएलपी ने विदेशी आयात से घरेलू उत्पादन में परिवर्तन का वर्णन करते हुए, भारत की रक्षा खरीद रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि रक्षा बजट का 75 प्रतिशत अब एमएसएमई को आवंटित किया गया है, जिसमें 25 प्रतिशत स्टार्टअप और निजी क्षेत्र के लिए रखा गया है, जो स्थानीय नवाचार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। सत्र का समापन बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव अमरनाथ जयसवाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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