कांग्रेस के कद्दावर नेता और एमपी के 2 बार सीएम रहे मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में निधन हो गया है. मोतीलाल वोरा गांधी परिवार के करीबी रहे हैं. साथ ही लंबे अर्से तक वह पार्टी के कोषाध्यक्ष भी रहे हैं. मोतीलाल वोरा छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद थे. साथ ही वह दो बार एमपी के सीएम रहे हैं.
वह कुछ हफ्ते पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे और कई दिनों तक एम्स में भर्ती रहने के बाद उन्हें छुट्टी भी मिल गई थी. जबकि कांग्रेस के दिग्गज नेता माने जाने वाले वोरा को राहुल गांधी ने श्रद्धांजलि दे देते हुए कभी न भूलने वाला नेता करार दिया है. इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी ने भी वोरा को याद किया है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनके निधन पर दुख प्रकट करते हुए ट्वीट किया, ‘वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और बेहतरीन इंसान थे. हमें उनकी कमी बहुत महसूस होगी. उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरा स्नेह एवं संवेदना है.’
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके वोरा का राजनीतिक सफर 1960 के दशक में शुरू हुआ था और शुरुआत में वोरा समाजवादी विचारधारा वाली पार्टी के साथ जुड़े थे, लेकिन उसके बाद 1970 में कांग्रेस में आए और कांग्रेस पार्टी और राज्य सरकार में उच्च पदों पर रहने के बाद राज्यसभा तक भी पहुंचे. वोरा विवादों में भी फंसे लेकिन कुछ कारणों से गांधी परिवार के चहेतों में शुमार रहे.
मोतीलाल वोरा राजनीति में आने से पहले पत्रकार थे. राजस्थान के जोधपुर में ब्रिटिश इंडिया के जमाने में जन्मे वोरा ने छत्तीसगढ़ के रायपुर और कलकत्ता से उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद कई अखबारों के साथ काम किया था. इसके अलावा, वोरा सामाजिक कामों में भी हमेशा आगे रहे थे. इसके बाद वह सक्रिय राजनीति में आए और अर्जुन सिंह सरकार में मंत्री रहने के अलावा उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रहे. वोरा के बेटे अरुण वोरा भी राजनीति में हैं और छत्तीसगढ़ के दुर्ग से तीन बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं.