मोती रेजीडेंसी सोसायटी गाज़ियाबाद प्रबंधन ने प्रशासन से गुरुवार, 13 अगस्त 2020 को लिफ्ट में आई खराबी और उससे हुए हादसे की जांच एक स्वतंत्र एक्सपर्ट एजेंसी द्वारा कराने के लिए अनुरोध किया है।
- मोती रेजीडेंसी सोसायटी ने मामले में लिफ्ट की मेंटनेंस कंपनी को पूरी तरह मामले का जिम्मेदार ठहराया था और 14 अगस्त, 2020 पत्र लिख कर इस हादसे का जिम्मेदार ठहराते हुए जवाब मांगा था।
- सोसायटी में लगाई गई सभी लिफ्ट्स कोने एलिवटर्स की हैं और लिफ्ट्स के मेंटनेस का कॉन्ट्रैक्ट 1 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक भी कोने एलिवटर्स को दिया गया था।
- लिफ्ट कंपनी को सुरक्षा एवं रखरखाव के लिए 1 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2021 तक 24×7 एडवांस रिमोट मॉनिटरिंग और क्लाऊड कनेक्टेड तकनीक का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था।
- 10 अगस्त 2020 की अपनी मेंटेनेंस रिपोर्ट में कोने एलिवटर्स ने लिफ्टों की फिटनेस की पुष्टि की है।
मोती रेजीडेंसी सोसायटी प्रबंधन ने सोसायटी निवासी की मौत पर गहरा दुख जताते हुए कहा है कि हम इस दुख की घड़ी में हम पीड़ित परिवार के साथ हैं और अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। हादसे से हुए नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती है लेकिन हम इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार लिफ्ट कंपनी के ऊपर कार्रवाई करेंगे।
कंपनी प्रबंधन द्वारा जारी अपने पत्र में कोने एलिवेटर्स के एमडी से स्पष्टीकरण मांगा था कि ये हादसा कैसे हुआ जबकि उनका मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट शुरू से कोने एलिवटर्स के पास है जब से लिफ्टें लगाई गई हैं इसलिये इनके मेंटिनेंस रखरखाव व सुरक्षा संबंधित सभी जिम्मेदारी कोने एलिवटर्स की बनती है।
मोती रेजीडेंसी सोसायटी प्रबंधन ने लिफ्टों की ठोस सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक और कॉन्ट्रैक्ट 1 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2021 तक कोने एलिवटर्स से किया है जिसमें स्पष्ट है कि लिफ्ट का रखरखाव करते समय आधुनिक उपकरणों का प्रयोग किया जाएगा और इसका वायदा भी किया गया था, फिर यह हादसा कैसे हो गया।
कोने एलिवटर्स के इस कॉन्ट्रैक्ट में साफ लिखा गया है कि कंपनी लिफ्ट की सुरक्षा के लिए 24×7 क्लाऊड कनेक्टेड सर्विसेज की शुरुआत कर रही है। इसके तहत लिफ्ट कंपनी एडवांस रिमोट मॉनिटरिंग और विश्लेषण की तकनीक का प्रयोग करेगी। लिफ्ट लगाने वाली कंपनी कोने एलिवेटर्स का कहना था कि इस आधुनिक तकनीक से हम लिफ्ट में आने वाली खराबी का पहले ही पता लगाकर उसे ठीक तुरंत कर देंगे। अब सोसायटी प्रबंधन यह पूछना चाहती है कि जब लिफ्ट कंपनी लिफ्ट में आई खराबी का पहले से पता लगाने के लिए इतनी एडवांस टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रही है तो फिर यह हादसा कैसे हो गया।
सोसायटी प्रबंधन कहना है कि आधुनिक तकनीक और शानदार ट्रैक रेकॉर्ड को देखते हुए ही अपने प्रोजेक्ट में लिफ्ट लगाने के लिए कोने एलिवेटर्स का चयन किया था, पर लिफ्ट में आई खराबी और एक व्यक्ति की मौत के बाद लिफ्ट की क्वॉलिटी पर सबके मन में सवाल खड़े हो गए हैं। कोने एलिवेटर्स भविष्य में किस तरह व्यावहारिक रूप से सुनिश्चित करेगी कि आने वाले समय में से ऐसे हादसे कभी न होंगे।
मोती रेजीडेंसी सोसायटी प्रबंधन पूरी तरह से लिफ्ट मेंटनेंस कंपनी कोने एलिवेटर्स को इस हादसे में ज़िम्मेदार मानती है इसलिये आज प्रशासन को पत्र लिखकर स्वतंत्र जांच के लिए अनुरोध किया है जिससे कि लिफ्ट हादसे के कारण की सच्चाई सामने आए।