पटना 15 जुलाई- पटना नगर निगम स्टाफ यूनियन (इंटक) के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह ने एक बयान जारी कर कहा है कि नगर आयुक्त द्वारा लगातार जांच के बाद यह तथ्य सामने आया है कि निगम में पिछले 4 वर्षों से आउटसोर्स कंपनियों में कार्यरत करीब ढाई हजार कर्मियों में से 1151 कर्मी लापता हैं। जिनका हर माह वेतन आउटसोर्स कंपनी द्वारा लिया जा रहा है। आउटसोर्स कंपनियों को निगम द्वारा प्रतिमाह करीब 5:30 करोड़ रुपए का वेतनादि में भुगतान किया जाता है।
सिंह ने यह भी कहा कि जितने कर्मी लापता हैं, उस मद में करीब प्रतिमाह डेढ़ करोड़ रुपए का नाजायज भुगतान इन कंपनियों को किया जाता रहा है। इस प्रकार यह भुगतान प्रतिवर्ष करीब 18 करोड़ है। यानि 4 वर्ष में करीब 72 करोड़ रुपए का इन कंपनियों ने बंदरबांट किया है। दूसरी ओर इनका काम का स्तर भी कर्मियों के अभाव में घटिया रहा है। निगम के गाड़ियों का भी जमकर इन कंपनियों ने दुरुपयोग किया है।
सिंह ने यह भी कहा कि इन कंपनियों ने फ्लीट मैनेजमेंट के नाम पर भी प्रारंभ के 2 वर्षों में करोड़ों रुपए का घपला किया है। इसके बारे में भी इनके विरुद्ध तत्कालीन नगर आयुक्त द्वारा कार्रवाई की गई थी। ऐसा प्रतीत होता है कि इन कंपनियों द्वारा वेतन आदि के मद में एक तरफ निगम को भी चूना लगाया है, तो दूसरी ओर काम करने वाले मजदूरों को भी वेतन में कटौती के अतिरिक्त अन्य सुविधाएं यथा भविष्य निधि एवं बोनस आदि भी नहीं दिया गया है।
सिंह ने नगर आयुक्त से मांग किया है कि इन कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड करने के पूर्व कार्यरत मजदूरों के बकाए एवं अन्य पावना आदि को सुनिश्चित कर लिया जाए। साथ ही इन कंपनियों को हटाने के उपरांत निगम में कार्यरत उन कर्मियों की सेवा को बरकरार रखी जाए ताकि निगम के कार्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। साथ ही जब 1151भूत के बदले जिस कम्पनी ने भी इसके विरुद्ध भुगतान लिया है और जिनकी भी संलिप्तता इसमें रही है, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए और लूटे गए रकम की वसूली की जाए।