पीएम मोदी ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ”आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना” की शुरुआत की। PM-ASBY पूरे भारत की स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना को मजबूत करने संबंधी सबसे बड़ी योजनाओं में एक है।
इससे पहले सिद्धार्थनगर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने 9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया। इसके पश्चात उन्होंने काशी का रुख किया। जहां उन्होंने प्रधानमंत्री आत्मानिर्भर स्वस्थ भारत योजना ( PM-ASBY) का शुभारंभ किया। इसके अलावा पीएम मोदी ने वाराणसी के लिए 5,200 करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया।
उन्होंने वाराणसी में कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर एनएचएआई (NHAI) के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का जायजा भी लिया। वाराणसी की धरती से विकास योजनाओं की बड़ी इबारत लिखी गई है, जिसमें सड़कों के जाल से लेकर, कनेक्टिविटी को लेकर बहुत तेजी से काम हुआ है। ढांचागत सुधार के लिहाज से यूपी में निवेश के तौर पर लाई गई और आगे बढ़ाई गई तमाम योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल करते हुए पीए मोदी ने बारिकी से उनके बारे में जाना।
कार्यक्रम की शुरुआत में एक लघु फिल्म के माध्यम से बताया गया कि धर्म आध्यात्म की नगरी काशी में गंगा के समानांतर विकास की अविरल धारा प्रवाहमान है। काशी के सासंद एवं देश के यशस्वी पीएम मोदी की दूरदर्शिता से काशी का स्वरूप बदलने लगा है। पीएम मोदी की संकल्प शक्ति से काशी में अब तक 9,400 करोड़ की लगभग एक हजार परियोजनाओं का लोकार्पण हो चुका है। वहीं काशी में चतुर्दिक विकास के लिए हवाई अड्डे के उन्नयन से लेकर राजमार्गों, सेतु, जलीय परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन एवं सांस्कृतिक उत्थान की कई परियोजनाओं का लाभ काशीवासियों को मिल रहा है। विकास यात्रा की इस श्रृंखला में आज पांच हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं पीएम मोदी ने लोकार्पित की।
पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान संबोधन में कहा, देश ने कोरोना महामारी से अपनी लड़ाई में 100 करोड़ वैक्सीन डोज के बड़े पड़ाव को पूरा किया है। बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से, मां गंगा के अविरल प्रताप से, काशीवासियों के अखंड विश्वास से, सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन का अभियान सफलता से आगे बढ़ रहा है।
आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, आज ही कुछ समय पहले एक कार्यक्रम में मुझे उत्तर प्रदेश को 9 नए मेडिकल कॉलेज अर्पण करने का सौभाग्य मिला। इससे पूर्वांचल और पूरे यूपी के करोड़ों गरीबों, दलितों, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों ऐसे समाज के सब वर्गों को बहुत फायदा होगा। दूसरे शहरों के बड़े अस्पतालों के लिए उनकी जो भाग दौड़ होती थी, वो कम होगी।
पीएम मोदी ने कहा कि मानस में एक सोरठा है…
“मुक्ति जन्म माही जानी ज्ञान खान अघ हनी कर।
जाह्न बस शंभु भवानी सो कासी सिया कास एन।।”
अर्थात काशी में तो शिव और शक्ति साक्षात निवास करते हैं। ज्ञान का भंडार काशी कष्ट और कलेश दोनों से मुक्त करती है। फिर स्वास्थ्य से जुड़ी इतनी बड़ी योजना, बीमारियों, कष्टों से मुक्ति का इतना बड़ा संकल्प इसकी शुरुआत के लिए काशी से बेहतर जगह और क्या हो सकती है।
काशी से शुरू होने जा रही योजनाओं में महादेव का आशीर्वाद
पीएम मोदी ने बताया कि आज इस कार्यक्रम मंच पर दो बड़े कार्यक्रम हो रहे हैं। एक भारत सरकार का और पूरे भारत के लिए 64 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा रकम का यह कार्यक्रम आज काशी की धरती से लॉन्च हो रहा है। दूसरा, काशी और पूर्वांचल के विकास के हजारों करोड़ के कार्यक्रमों का लोकार्पण। पिछले कार्यक्रम को भी मिलाकर कहूं तो आज करीब-करीब 75 हजार करोड़ रुपए के कामों का लोकार्पण हो रहा है। काशी से शुरू होने जा रही इस योजनाओं में महादेव का आशीर्वाद है और जहां महादेव का आशीर्वाद है वहां तो कल्याण ही कल्याण है।
आज यूपी सहित पूरे देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को ताकत देने के लिए भविष्य में महामारियों से बचाव के लिए हमारी तैयारी उच्च स्तर की हो। गांव और ब्लॉक स्तर तक हमारे हेल्थ सिस्टम में आत्म विश्वास और आत्म निर्भरता आए। इसके लिए आज काशी से मुझे 64 हजार करोड़ रुपए का आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर राष्ट्र को समर्पित करने का सौभाग्य मिला है। आज काशी के इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े करीब 5 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का भी लोकार्पण अभी किया गया है। इसमें सड़कों से लेकर घाटों की सुंदरता, गंगा जी और वरुणा की साफ-सफाई, पुलों, पार्किंग स्थलों, बीएचयू में अनेक सुविधाओं से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट त्योहारों के इस मौसम में जीवन को सुगम, स्वस्थ और समृद्ध बनाने के लिए काशी में हो रहा यह विकास पर्व एक प्रकार से पूरे देश को नई उर्जा, नई शक्ति और नया विश्वास देने वाला है। इसके लिए काशी सहित आज मैं काशी की धरती से 130 करोड़ देशवासियों को हिंदुस्तान के कोने-कोने को, हिंदुस्तान के गांव को, हिंदुस्तान के शहर को, हर किसी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
हमारे यहां हर कर्म का मूल आधार ‘आरोग्य’ माना गया
हमारे यहां हर कर्म का मूल आधार आरोग्य माना गया है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किया गया निवेश, हमेशा उत्तम निवेश माना गया है। लेकिन आजादी के बाद के लंबे कालखंड में आरोग्य पर, स्वास्थ्य सुविधाओं पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, जितनी देश को जरूरत थी। देश में जिनकी लंबे समय तक सरकारें रहीं, उन्होंने देश के हेल्थकेयर सिस्टम के संपूर्ण विकास के बजाय, उसे सुविधाओं से वंचित रखा।
गांव में या तो अस्पताल नहीं थे, अस्पताल थे तो इलाज करने वाला नहीं, ब्लॉक के अस्पताल में गए तो टेस्ट की सुविधा नहीं, टेस्ट हो भी जाए लेकिन नतीजों को लेकर के भ्रम रहा, सटीक है कि नहीं उस पर शंका, जिला अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि जो गंभीर बीमारी डिटेक्ट हुई, उसमें तो सर्जरी होगी, लेकिन जो सर्जरी होनी है उसकी वहां सुविधा ही नहीं है। इसलिए फिर और बड़े अस्पताल भागो, बड़े अस्पताल में उससे ज्यादा भीड़, लंबा इंतजार। हम सभी गवाह हैं कि मरीज और उसका पूरा परिवार ऐसे ही परेशानियों से उलझता रहता था। जिंदगी जूझने में चली जाती थी। इससे एक तो गंभीर बीमारी कई बार और ज्यादा बिगड़ जाती है, ऊपर से गरीब पर जो अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ता है वो अलग। हमारे हेल्थ केयर सिस्टम में जो बड़ी कमी रही गरीब और मिडल क्लास में इलाज को लेकर हमेशा बनी रहने वाली चिंता पैदा कर दी।
भविष्य में किसी भी महामारी से निपटने को हम हो तैयार
आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन देश के हेल्थ केयर सिस्टम की इसी कमी का दूर का एक समाधान है। भविष्य में किसी भी महामारी से निपटने में हम तैयार हो, सक्षम हो, इसके लिए अपने हेल्थ सिस्टम को आज तैयार किया जा रहा है। कोशिश ये भी है कि बीमारी जल्दी पकड़ में आए और जांच में देरी न हो। लक्ष्य ये है कि आने वाले चार-पांच साल में देश के गांव से लेकर ब्लॉक, जिला, रीजनल और नेशनल लेवल तक क्रिटिकल हेल्थ केयर नेटवर्क को सशक्त किया जाए। विशेष रूप से जिन राज्यों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव अधिक है, जो हमारे पहाड़ी और नॉर्थ-ईस्ट के राज्य हैं, उन पर और अधिक फोकस किया जा रहा है, जैसे उत्तराखंड और हिमाचल।
आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के 3 बड़े पहलू
पीएम मोदी ने कहा, देश के हेल्थ सेक्टर के अलग-अलग गैप्स को एड्रेस करने के लिए आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के 3 बड़े पहलू हैं। पहला, डाइअग्नास्टिक और ट्रीटमेंट के लिए विस्तृत सुविधाओं के निर्माण से जुड़ा है। इसके तहत गांवों और शहरों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं, जहां बीमारियों को शुरुआत में ही डिटेक्ट करने की सुविधा होगी। इन सेंटरों में फ्री मेडिकल कंसलटेशन, फ्री टेस्ट, फ्री दवा जैसी सुविधाएं मिलेंगी। समय पर बीमारी का पता चलेगा तो बीमारियों के गंभीर होने की आशंका कम होगी। ऐसी स्थिति में उसके इलाज के लिए 600 से अधिक जिलों में क्रिटिकल केयर से जुड़े 35 हजार से ज्यादा नए बेड्स तैयार किए जाएंगे। बाकी लगभग, सवा सौ जिलों में रेफरल की सुविधा दी जाएगी। राष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए ट्रेनिंग और दूसरी कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए 12 केंद्रीय अस्पतालों में जरूरी सुविधाएं विकसित करने पर भी काम हो रहा है। इस योजना के तहत राज्यों में भी सर्जरी से जुड़े नेटवर्क को सतर्क करने के लिए 24/7 चलने वाले 15 एमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर भी तैयार किए जाएंगे।
योजना का दूसरा पहलू, रोगों की जांच के लिए टेस्टिंग नेटवर्क से जुड़ा है। इस मिशन के तहत, बीमारियों की जांच, उनकी निगरानी कैसे हो, इसके लिए ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा। देश के 730 जिलों में इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब्स और देश में चिन्हित साढ़े तीन हजार ब्लॉक में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट बनाई जाएंगी। पांच रीजनल नेशनल सेंटर फोर डिसीज कंट्रोल, 20 मेट्रोपॉलिटन यूनिट और 15 बीएसएल लैब भी इस नेटवर्क को और सशक्त करेगी।
इस मिशन का तीसरा पहलू, महामारी से जुड़े रिसर्च संस्थानों के विस्तार का है। इस समय देश में 80 वायरल डाइग्नोस्टिक और रिसर्च लैब्स हैं। इनको और बेहतर बनाया जाएगा। महामारियों में बायो सेप्टि लेवल तीन की लैब चाहिए। ऐसी 15 नई लैब्स को ऑपरेशनल किया जाएगा। इसके अलावा देश में 4 नए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और एक नेशनल इंस्टीट्यूट फोर वन हेल्थ भी स्थापित किया जा रहा है। दक्षिण एशिया के लिए WHO का रीजनल रिसर्च प्लेटफॉर्म भी रिसर्च के इस नेटवर्क को सशक्त करेगा। यानि आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के माध्यम से देश के कोने कोने में इलाज से लेकर क्रिटिकल रिसर्च तक एक पूरा इको-सिस्टम विकसित किया जाएगा।
दशकों पहले हो जाने चाहिए थे ये काम
पीएम मोदी ने कहा, वैसे ये काम दशकों पहले हो जाने चाहिए थे, लेकिन हाल क्या है उसके बारे में मुझे वर्णन करने की जरूरत नहीं है। हम पिछले सात साल से लगातार सुधार कर रहे हैं लेकिन अब बहुत बड़े केन्वा स्केल पर और बहुत बड़ी एग्रेसिव सोच के साथ इस बड़े काम को करना है। आज केंद्र और राज्य में वो सरकार है जो गरीब, दलित, शोषित-वंचित, पिछड़े, मध्यम वर्ग, सभी का दर्द समझती है। देश में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के लिए हम दिन रात एक कर रहे हैं। यूपी में जिस तेजी के साथ नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं, उसका बहुत अच्छा प्रभाव मेडिकल की सीटों और डॉक्टरों की संख्या पर पड़ेगा। ज्यादा सीटें होने की वजह से अब गरीब माता-पिता का बच्चा भी डॉक्टर बनने का सपना देख सकेगा और उसे पूरा कर सकेगा।
आज काशी की काया सुधारने का ईमानदारी से हो रहा प्रयास
आगे जोड़ते हुए वे बोले, आज काशी का हृदय वही है, मन वही है, लेकिन काया को सुधारने का ईमानदारी से प्रयास हो रहा है। जितना काम वाराणसी में पिछले 7 साल में हुआ है, उतना पिछले कई दशकों में नहीं हुआ। बीते सालों की एक और बड़ी उपलब्धि अगर काशी की रही है, तो वो है BHU का फिर से दुनिया में श्रेष्ठता की तरफ अग्रसर होना। आज टेक्नॉलॉजी से लेकर हेल्थ तक, BHU में अभूतपूर्व सुविधाएं तैयार हो रही हैं। देशभर से यहां युवा साथी पढ़ाई के लिए आ रहे हैं।
PM मोदी ने वाराणसी में इन योजनाओं को किया लोकार्पित :
– रिंग रोड फेस टू 1011.29 करोड़ रुपए की लागत से बना राजातालाब से वाजिदपुर हरहुआ मार्ग
– वाराणसी गोरखपुर NH-29 पर 3509.14 करोड़ रुपए से बना वाराणसी से बिरनो गाजीपुर तक 72.15 किलोमीटर राजमार्ग
– कोनिया सेतु 26.21 करोड़ रुपए की लागत से कोनिया सलारपुर वरुणा नदी पर पुल
– कालिकाधाम सेतु 19.14 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित बाबतपुर कपसेठी भदोही मार्ग पर स्थित कालिका धाम पुल
– सड़क चौड़ीकरण वाराणसी छावनी से पड़ाव तक, लागत 18.66 करोड़ रुपए
– रामनगर में 10 एमएलडी एसटीपी और इंटरसेप्टर सीवर लाइन, जिसकी लागत 72.91 करोड़ रुपए है
– वरुणा नदी के चैनेलाइजेशन और नदी तट का विकास कार्य, लागत 201.65 करोड़ रुपए
– गंगा गोमती संगम स्थल कैथी में संगम घाट का निर्माण, लागत 10.66 करोड़ रुपए
– मार्कण्डेय महादेव घाट कैथी में गंगा नदी के तट पर घाट का निर्माण, लागत 5.14 करोड़ रुपए
– दशाश्वमेध घाट पर गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट तक का पर्यटन का विकास, लागत 10.78 करोड़ रुपए
– 11.5 घाटों का पुनरुद्धार, लागत 2.02 करोड़ रुपए
– शूलटंकेश्वर घाट पर पर्यटन विकास कार्य, लागत 1.60 करोड़ रुपए
– राजघाट से मालवीय पुल तक विकास कार्य, लागत 2.74 करोड़ रुपए
– सर्किट हाउस परिसर में अंडरग्राउंड पार्किंग का निर्माण, लागत 26.77 करोड़ रुपए
– टाउन हॉल अंडर ग्राउंड पार्किंग व पार्क, लागत 23.31 करोड़ रुपए
– पुरानी काशी के राज मंदिर वार्ड का पुनर्विकास, लागत 13.53 करोड़ रुपए
– पुरानी काशी के दशाश्वमेध घाट में विकास कार्य, लागत 16.22 करोड़ रुपए
– जगमबाड़ी वार्ड का विकास कार्य, लागत 12.65 करोड़ रुपए
– 8 कुंडों का सुंदरीकरण व संरक्षण कार्य, लागत 18.96 करोड़ रुपए
– चकरा तालाब का सुंदरीकरण व संरक्षण कार्य, लागत 2.59 करोड़ रुपए
– स्वर्गीय गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल चौकाघाट मल्टीपरपरज हॉल का उन्नयन कार्य, लागत 6.94 करोड़ रुपए
– बायो सीएनजी प्लांट शहंशाहपुर गोआश्रय केंद्र, लागत 23 करोड़ रुपए
– लाल बहादुर शास्त्री फल व सब्जी मंडी पहाड़िया का नवीनीकरण कार्य, लागत 8.22 करोड़ रुपए
– बीएचयू राजपूताना ग्राउंड में छात्र गतिविधि केंद्र, लागत 27.82 करोड़ रुपए
– बीएचयू गर्ल्स हॉस्टल 200 सिटिंग रूम का निर्माण, लागत 28.78 करोड़ रुपए
– विवेकानंद हॉस्टल के पीछे आवासीय अपार्टमेंट का निर्माण, लागत 40 करोड़ रुपए
– बीएचयू में धनराज गिरी बॉयज हॉस्टल ब्लॉक का निर्माण, लागत 70. करोड़ रुपए
– राजकीय पशु धन एवं कृषि प्रक्षेत्र आराजी लाइन का नवीनीकरण कार्य, लागत 1.70 करोड़ रुपए
– चांदपुर औद्योगिक क्षेत्र में आंतरिक अवस्थापना विकास कार्य, लागत 10.85 करोड़ रुपए