जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद ने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी देश के लोगों को अंधकार युग में ले जाने पर क्यों तुले हुए हैं? जहां पहले आपने ताली और थाली की बात की वहीं देश की मीडिया एक धर्म विशेष को गाली देने को अपना हथियार बना लिया है, तो दूसरी ओर पुन: आपने 5 अप्रैल को रात्रि 9:00 बजे 9 मिनट तक पूरे घर को अंधकार करके मोमबत्ती और दीया जलाने के साथ रोशनी करने की बात की है । क्या ये सब करने से कोरोना जैसी गंभीर महामारी से देश के 130 करोड़ लोगों को बचाया जा सकता है ? क्या यह रोग प्रतिरोधक उपाय है? अगर ऐसा ही उपाय से कोरोना जैसी महामारी से बचाव हो सकता है तो फिर इतना हो हल्ला किस बात का।
दरअसल कोरोना जैसी गंभीर बीमारी को भी राजनीतिक क्षमता मापने का पैमाना अपने मान लिया है तो यह देश के 80 करोड़ गरीब जनता के लिए सोचनीय विषय है।
एजाज ने कहा कि जहां कल प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के साथ स्वास्थ्य व्यवस्था सहित अन्य व्यवस्थाओं पर बात की थी उस संबंध में कोई बातें या जानकारी देश की जनता को नहीं देकर देश के लोगों के साथ धोखा किया है, क्योंकि देश के लोग महामारी और भुखमरी से बचने के उपाय की आस लगाए थे ना की अंधकार करके प्रकाश की ओर ले जाने की बात सुनना चाहते थे।यह 130 करोड़ लोगों के लिए सोचनीय विषय है।
एजाज ने आगे कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार से 5 लाख पीपीई किट की मांग की, लेकिन अभी तक 4 हजार ही मिले। 10 लाख एन-95 मास्क की मांग की मगर 50 हजार ही मिले। 10 लाख सी-प्लाई मास्क की बजाए 1 लाख ही मिले। मांगे गए 10 हजार आरएनए एक्सट्रैक्शन किट में से अभी तक 250 ही मिले हैं। 100 वेंटिलेटर में एक भी नहीं मिले है, क्या ऐसे ही तरीकों से देश की जनता को कोरोना जैसी महामारी से बचाया जा सकता है ,यह बात केंद्र सरकार को स्पष्ट करनी चाहिए ।साथ ही साथ देश के विपक्षी दल कांग्रेस सहित अन्य दलों को भी इस मामले में केंद्र सरकार से सवाल करना चाहिए की देश को दकियानूसी और पुराने विचारों से महामारी से नहीं बचाया जा सकता इसके लिए जो डॉक्टरों की टीम है अस्पताल की व्यवस्था है और साथ ही साथ जो नवीनतम मास्क से लेकर वेंटिलेटर ,पीपी जैसे किट की आवश्यकता है उसे कैसे पूरा किया जाएगा इस पर प्रधानमंत्री को देश की जनता को बताना चाहिए और यह स्पष्ट करना चाहिए कि स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाकर देश के लोगों को कोरोना जैसे गंभीर बीमारी से बचाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है तथा 80 करोड़ गरीब जनता की भूख को मिटाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अब तक कौन से कदम उठाए गए हैं और इनको बचाव के लिए कौन से उपाय किए जा रहे हैं यह सबसे बड़ी बात है लेकिन इन सवालों पर ना तो विपक्ष चर्चा कर रहा है और ना ही सत्तापक्ष इस पर अपना विचार रखना है इससे देश के लोगों का विश्वास टूट रहा जिस कारण लोग पैदल और जैसे तैसे चलकर भी अपने घर तक पहुंचने में की भलाई समझ रहे हैं जो महामारी से लड़ने में सहायक होते वह कहीं ना कहीं भुखमरी और बेबसी के कारण तड़प तड़प कर जिंदगी जी रहे हैं।