वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने 8 मई 2021 को 25 राज्यों में पंचायतों को 8,923.8 करोड़ रुपये की राशि जारी की। ये अनुदान पंचायती राज संस्थानों की सभी तीन श्रेणियों-गांव, प्रखंड और जिला के लिए हैं। यह राशि ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को अनुदान उपलब्ध कराने के लिए दिए गए हैं।
यह राशि वर्ष 2021-22 के लिए ‘मुक्त अनुदान‘ की पहली किश्त
शनिवार को जारी की गई यह राशि वर्ष 2021-22 के लिए ‘ मुक्त अनुदान‘ की पहली किस्त है। आरएलबी द्वारा इसका उपयोग अन्य चीजों के अतिरिक्त, कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए आवश्यक विभिन्न रोकथाम संबंधी तथा राहत उपायों के लिए किया जा सकता है। इस प्रकार, यह इस महामारी से लड़ने के लिए पंचायतों की तीनों श्रेणियों के संसाधनों को बढ़ाएगा।
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर तय समय से पहले जारी की गई यह किश्त
15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार, मुक्त अनुदान की पहली किस्त राज्यों को जून, 2021 में जारी की जानी थी। बहरहाल, वर्तमान में जारी कोविड-19 महामारी की स्थिति तथा पंचायती राज्य मंत्रालय की अनुशंसाओं को देखते हुए, वित्त मंत्रालय ने सामान्य कार्यक्रम से पहले ही अनुदान जारी करने का फैसला किया है।
15वें वित्त आयोग द्वारा लगाई गई शर्तों को किया दरकिनार
इसके अतिरिक्त, 15वें वित्त आयोग ने मुक्त अनुदान जारी करने के लिए कुछ शर्तें भी लगाई थीं। इन शर्तों में ग्रामीण स्थानीय निकायों के एक निश्चित प्रतिशत खातों की सार्वजनिक क्षेत्र में ऑनलाइन उपलब्धता शामिल है। लेकिन व्याप्त परिस्थितियों को देखते हुए, मुक्त अनुदान की पहली किस्त के जारी होने के लिए इस शर्त को छोड़ दिया गया है।
उत्तर प्रदेश को मिले सर्वाधिक 1,441.6 करोड़ रुपए
अनुदान पाने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक 1,441.6 करोड़, महाराष्ट्र को 861.4 करोड़, बिहार को
741.8 करोड़, पश्चिम बंगाल को 652.2 करोड़ तथा मध्य प्रदेश को 588.8 करोड़ रुपए मिले हैं। वहीं राजस्थान को
570.8, तमिलनाडु को 533.2, कर्नाटक को 475.4, गुजरात को 472.4 और आंध्र प्रदेश को 387.8 करोड़ रुपए दिए गए हैं। अनुदान प्राप्त करने वालों में उत्तर पूर्वी भारत से अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल हैं जिनमें असम को सर्वाधिक 237.2 करोड़ की राशि मिली।